Mera bhart 150 word essay
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मेरे देश का नाम भारत है। भारत को इंडिया तथा हिंदुस्तान नाम से भी जाना जाता है। मेरे देश की जनसंख्या लगभग 1 अरब 21 करोड़ है। यहां अनेक भाषाओं और बोलियों को बोलने वाले लोग निवास करते हैं।
मेरा देश धार्मिक विविधता वाला देश है। हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, मुस्लिम आदि धर्मों को यहां एक समान दृष्टि से देखा जाता है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।
भारत की सभ्यता और संस्कृति दुनिया भर में विख्यात है। इसी से अभिभूत होकर लाखों विदेशी नागरिक प्रतिवर्ष यहां घूमने के लिए आते हैं।
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यहां अनेक संत और महात्माओं ने जन्म लिया है। राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, कबीर, गांधी आदि महापुरुष हमारे आदर्श रहे हैं।
महान हिमालय से रक्षित तथा पवित्र गंगा से सिंचित हमारा भारत एक स्वतंत्र आत्मनिर्भर देश है।
मेरा देश लोकतंत्र में विश्वास रखता है। यहां सभी को उन्नति करने के समान अवसर प्राप्त हैं।
भारत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी आदि शत्रुओं से लोग डटकर मुकाबला कर रहे हैं। मेरे देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। 15 अगस्त और 26 जनवरी हमारे राष्ट्रीय त्योहार हैं।
भारत के नागरिकों को आशा है कि मेरा देश फिर से अपने प्राचीन गौरव को हासिल कर सकेगा और एक दिन विश्वगुरू बनेगा। मैं अपने देश से बहुत प्यार करता हूं
मेरा भारत एशिया महाद्वीप में सिथत हैं। मेरे भारत का नाम दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर पढ़ा । ऋषि और महात्माओं की भुमि भारत हैं। भारत की संस्कृति विशाल एवं सम्पन्न हैं। भारत ने अपने आचर -विचार,रहन-सहन, रीति-रिवाज के कारण विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। भारत की जलवायु में हमें बारह ऋतु देखने को मिलते हैं यहां अलग-अलग महीने में अलग-अलग ऋतु का प्रवेश होता हैं। भारत में स्थित हिमालय जो भारत की सुरक्षा एवं जलवायु को प्रभावित करता है। भारत एक ऐसा देश जहां कई राज्यों एवं शासकों ने शासन किया। भारत की खोज वास्कोडिगामा ने कि,अफगानी पुर्तगाली , सल्तनत ,मुगल ,अंग्रेज आदि आए।
अंग्रेज ने भारत में सबसे ज्यादा शासन किया। भारत वहीं देश जहां महाभारत ,रामायण ,गीता, जैसे गरनथो की रचना हुई हैं। गांधी जी ,सुभाष चन्द्र बोस , भगतसिंह जैसे कारनतीकारी लोगों का जन्म हुआ।कलाम ने भारत का नाम इतिहास के पन्नों में लिख दिया। भारत को आजादी 1947 में मिली। संविधान का निर्माण 1949 में हुआ , जिसने भारत की शासन व्यवस्था को सुदृढ़ एवं व्यवस्थित किया। भारत को भारत माता कहकर सम्बोधित किया जाता हैं। अब हम दुसरे देश की संस्कृति को अपना रहे हैं। जिससे हमारी संस्कृति लुप्त होती जा रही है ऐसे अच्छे संकेत नहीं हैं इससे भारत अपनी पहचान खो बैठेगा।