mera desh bharat par hindi nibandh
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भारत एक खूबसूरत देश है जो अपनी अलग संस्कृति और परंपरा के लिये जाना जाता है। ये अपने ऐतिहासिक धरोहरों और स्मारकों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ के नागरिक बेहद विनम्र और प्रकृति से घुले-मिले होते हैं। ब्रिटिश शासन के तहत 1947 से पहले ये एक गुलाम देश था। हालाँकि, हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और समर्पण की वजह से 1947 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। जब भारत को आजादी मिली तो पंडित जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने और भारतीय झंडे को फहराया और कहा कि “जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और आजादी के लिये जागेगा”।
भारत मेरी मातृभूमि है और मैं इसे बहुत प्यार करता हूँ। भारत के लोग स्वभाव से बहुत ही ईमानदार और भरोसेमंद होते हैं। विभिन्न संस्कृति और परंपरा के लोग बिना किसी परेशानी के एक साथ रहते हैं। मेरे देश की मातृ-भाषा हिन्दी है हांलाकि बिना किसी बंधन के अलग-अलग धर्मों के लोगों के द्वारा यहाँ कई भाषाएँ बोली जाती हैं। भारत एक प्राकृतिक सुंदरता का देश है जहाँ समय-समय पर महान लोग पैदा हुए हैं और महान कार्य किये। भारतीयों का स्वाभाव दिल को छू लेने वाला होता है और दूसरे देशों से आये मेहमानों का वो दिल से स्वागत करते हैं।
भारत में जीवन के भारतीय दर्शन का अनुसरण किया जाता है जो सनातन धर्म कहलाता है और यहाँ विविधता में एकता को बनाए रखने के लिये मुख्य कारण बनता है। भारत एक गणतांत्रिक देश है जहाँ देश की जनता को देश के बारे में फैसले लेने का अधिकार है। यहाँ देखने के लिये प्राचीन समय के बहुत सारे अति सुंदर प्राकृतिक दृश्य, स्थल, स्मारक, ऐतिहासिक धरोहर आदि है जो विश्व के हर कोने के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। भारत अपने आध्यात्मिक कार्यों, योगा, मार्शल आर्ट आदि के लिये बहुत प्रसिद्ध है। भारत में दूसरे देशों से भक्तों और तीर्थयात्रियों की एक बड़ी भीड़ यहाँ के प्रसिद्ध मंदिरों, स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों की सुंदरता को देखने आती हैं।
इस सृष्टि की रचना परमात्मा ने की, ऐसा ऋषि लोग मानते हैं । भारतवर्ष सृष्टि के लिए सर्वोत्तम लगा हो, तभी तो देवता भी इस भूमि पर जन्म लेने के लिए तरसते थे ।
परशुराम, राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध इसी भारत में अवतरित हुए । शकुन्तला पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम ‘भारतवर्ष’ पड़ा । हिन्दुओं के कारण ‘हिन्दुस्तान’ और अंग्रेजों के शासनकाल में यह ‘इंण्डिया’ नाम से प्रसिद्ध रहा । वर्तमान समय में ‘भारत’ के नाम से विश्व मानचित्र में चमक रहा है ।
संस्कृत साहित्य के अध्ययन से ज्ञात होता है कि जब संसार अज्ञान के अन्धकार में था, तब भारत में वेदों का उदय हो चुका था । विज्ञान, गणित, राजनीति, ज्योतिष, अर्थशास्त्र और आयुर्वेद आदि के उच्च कोटि के विद्वान भारत में ही हुए । भारत वेद, गीता, उपनिषद्, दर्शन आदि के माध्यम से आध्यात्मिक उपदेश देकर जगद् गुरू के रूप में सम्मानित हुआ ।
चीन के पश्चात् भारत सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है । हिन्दू बहुल राष्ट्र होने पर भी यहाँ सर्व-धर्म समभाव है । हिन्दू , मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी आपस में प्रेम से रहते हैं । सभी को धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार है । यहाँ पर अनेक प्रकार के जातियाँ होने के कारण यहाँ अनेक भाषाएं बोली जाती हैं । लेकिन राष्ट्रभाषा हिन्दी है ।
यहाँ अनेक प्रकार के रीति रिवाज और वेश-भूषा है । सत्य हरिश्चन्द्र, महाराज शिवि, पुरू, युधिष्ठिर जैसे सत्यवादियों ने इस धरती को पवित्र किया । चाणक्य जैसा राजनीतिज्ञ और विदुर जैसा नीतिवान् भी इसी भारत में हुए ।
इस धरती पर जहाँ ज्ञान के पुजारी वाल्मीकि, शंकराचार्य, व्यास, सूर, तुलसी, नानक, कबीर पैदा हुए वहीं आजादी के दीवाने भगत सिंह, विवेकानन्द, सुभाषचन्द्र बोस, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू जैसे नेता भी हुए । राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा को समाप्त कर विधवाओं को जीने का अधिकार दिया ।
भारत में अयोध्या, काशी, कांची, मथुरा, उज्जैन जैसी मोक्षदायिनी पुरियाँ, गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियाँ हैं, बर्फ की चोटियों से ढका हिमालय पर्वत, विश्व के सात आश्चर्यों में से एक आगरा का ताजमहल, लाल किला, अजन्ता एलोरा की गुफाएं, कुतुबमीनार, दस देश की स्थापत्य कला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण हैं । षड़ ऋतुओं वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त, शिशिर का संगम दो-दो महीने के अन्तराल पर आकर मानव को सुखी बनाता है ।