Hindi, asked by sushantAradwad, 1 year ago

mera parivar nibhandh in hindi​

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Answered by bluecolor
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एक घर में एक साथ रहने वाले दो, तीन या अधिक व्यक्तियों के एक समूह को परिवार कहते हैं। परिवार में सदस्यों की संख्या के अनुसार परिवार छोटा, मूल परिवार, बड़ा मूल परिवार या संयुक्त परिवार हो सकता है। परिवार के सदस्यों के बीच खून, विवाह, गोद लेना, आदि जैसे विभिन्न संबंधों के कारण पारिवारिक रिश्ता हो सकता है। अपने संपूर्ण विकास और समाज में भले के लिये एक नये पैदा हुए बच्चे को सकारात्मक पारिवारिक रिश्तों की ज़रुरत होती है।

स्वस्थ पारिवारिक रिश्तें बच्चों में अच्छी आदतें, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने में मदद करती है। समुदाय में पूरे जीवन के लिये नयी पीढ़ी के बच्चों को तैयार करने में एक परिवार मुख्य भूमिका निभाता है। एक स्वस्थ परिवार की ज़रुरत सभी को होती है खासतौर से एक बच्चे और बूढ़े लोगों के लिये।

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Answered by drishtithakkar2203
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एक माता-पिता और दो बच्चों के साथ एक छोटे परिवार को मूल परिवार कहा जाता है। एक परिवार में एक माता-पिता और तीन या उससे अधिक बच्चों के साथ एक बड़ा मूल परिवार कहलाता है। एक परिवार में कई अभिभावक और उनके कई बच्चों सहित एक संयुक्त परिवार कहलाता है। मेरे परिवार का प्रकार एक बड़ा मूल परिवार है जिसमें माता, पिता, दो भाई और दो बहनों के साथ पूरे 6 सदस्यों का परिवार है। मैं अपने परिवार के साथ रहता हू और बहुत खुश हूँ। परिवार के लोग मेरा बहुत ध्यान रखते हैं और समय दर समय उचित दिशा प्रदान करते हैं। मेरे दादा-दादी गाँव के अपने घर में रहते हैं जहां हम अपनी गर्मियों की छुट्टियों में जाते हैं और खूब मस्ती करते हैं। मेरे दादा-दादी घर के सभी बच्चों का बहुत ध्यान रखते हैं। वो आमतौर पर रात में एक प्यारी कहानी सुनाते हैं जिसका हम बहुत आनन्द उठाते हैं। हम उनके साथ सभी पलों का आनन्द लेते हैं और उन सभी यादों को अपने मोबाईल में कैद कर लेते हैं।

मेरे माता-पिता मेरे दादा-दादी को बहुत प्यार करते हैं तथा हमेशा उनकी ज़रुरतों का ध्यान रखते हैं। हम जब भी गाँव जाते हैं, उनकी ज़रुरत की ढेर सारी वस्तुओं को उन्हें देते हैं। मेरे अभिभावक लगभग हर दिन मेरे दादा-दादी से मोबाईल पर बात करते हैं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं और परिवार में ऐसे प्यारे और चिंताशील सदस्यों के होने से बहुत खुशी महसूस करता हूं। मैं जब अपने घर लौटता हूं तो मैं अपने दादा-दादी को बहुत याद करता हूं।

मेरी माँ बहुत प्यारी हैं और हम सभी को प्यार करती है और ध्यान रखती हैं। वो हर दिन हमें लज़ीज नाश्ता और भोजन देती हैं। मेरे माता-पिता एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते हैं। नयी पीढ़ीयों को देने के लिये मेरी माँ भारतीय संस्कृति और परंपरा के बारे में हमें बताती है। हमलोग खुशी से सभी त्योहारों और उत्सवों को अपने गाँव में दादा-दादी के साथ मनाते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं। हम शहरों में एक आधुनिक जीवन-शैली में जीते हैं, हालांकि गाँव में देहाती जीवन-शैली को भी खूब पसंद करते हैं। मेरे माता-पिता दोनों मुझे गृहकार्य में मदद करते हैं। हमलोग रात के खाने पर और मैदान में एक-दूसरे के साथ कुछ समय बिताते हैं।

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