Mera Priya Khel anuched lekhan
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Explanation:
आमतौर पर मैदानी खेलों को दो वर्गो में बांटा जा सकता है । एक वर्ग में पश्चिमी देशो के खेल रखे जा सकते हैं, जबकि दूसरे वर्ग में भारतीय खेल ।
मेरा प्रिय खेल वालीबाल:
मेरा सबसे पसन्दीदा खेल वालीबाल है । जब भी मौका मिलता है, मैं यह खेल अवश्य खेलता हूँ । मेरी इस पसन्द के कई कारण हैं । पहला कारण यह है कि यह बहुत कम खर्चीला खेल है । इसमे केवल एक बाल, दो बास और एक नेट की आवश्यकता होती है । मैं मध्यम श्रेणी के परिवार का हूँ ।
अत: मैं खेलो पर अधिक धन खर्च नहीं कर सकता । मेरे पिता की इतनी अधिक आमदनी नहीं है कि वे मेरे लिए अन्य खेलों के साज-सामान की व्यवस्था कर सके । इस पसन्द का दूसरा कारण यह है कि इस खेल के लिए हॉकी, फुटबॉल या किक्रेट जैसे खेलों के सामान लम्बे-चौड़े मैदान की आवश्यकता नहीं होती ।
हम इसे छोटे से वर्गाकार भूमि पर ही खेल सकते हैं । मेरे चुनाव का तीसरा कारण यह है कि मेरा स्वस्थ सामान्य है । हॉकी और फुटबॉल जैसे खेलों के लिए बड़ी शक्ति तथा दम-खम की जरूरत होती है । लम्बे-चौड़े मैदान में दौड़ते हुए हम थोड़ी ही देर में थक जाते हैं ।
इसके विपरीत वालीबाल हम बिना थके हुए काफी समय तक खेल सकते हैं । इसलिए इसे मेरे जैसे साधारण स्वास्थ्य का व्यक्ति आसानी से खेल सकता है । इसके अलावा अन्य पश्चिमी खेलों में खिलाड़ियों की एक निश्चित सख्या की आवश्यकता होती है ।
लेकिन वालीबाल खेल का आनन्द हम केवल चार खिलाड़ियों से भी उठा सकते हैं यानी दो-दो खिलाड़ी एक पक्ष में रहकर इस खेल को खेल सकते हैं । अधिक खिलाड़ी हो जाने पर प्रत्येक पक्ष के खिलाड़ियों की संख्या बढ़ाई-घटाई जा सकती है ।
इस खेल की एक और विशेषता यह है कि इसमें शरीर को चोट लगने का खतरा नहीं होता । इन सभी कारणों से वाली-बाल मेरा सर्वप्रिय खेल है ।
उपसंहार:
सम्भव है कि अन्य खिलाड़ी मेरे विचारों और चुनाव से सहमत न हों । लेकिन खेल का चुनाव व्यक्तिगत रुचि का प्रश्न है । इसलिए अपने चुनाव की विशेष व्याख्या आवश्यक नहीं है । वालीबाल का चुनाव मेरी निजी रुचि है ।
Answer:
खेल का नाम आते ही मन उत्साह एवं उल्लास से भर उठता है। खेलना-कूदना सभी को अच्छा लगता है, विशेषतः बच्चों द्वारा अपनी रुचि, आयु, पंसद आदि के आधार पर खेलों को पसंद किया जाता है और खेला जाता है। हालाँकि मुझे क्रिकेट सर्वाधिक पसंद है।
क्रिकेट को आउटडोर खेलों की श्रेणी में रखा जाता है। यह विश्व के कुछ ही देशों में खेला जाता है, परंतु इसे देखने और पसंद करने वाले बहुत से देश हैं। युवावर्ग इस खेल को पागलपन की हद तक पसंद करता है। जब यह खेल विश्व के दो देशों के | बीच खेला जाता है तो स्टेडियम में मैच न देख पाने वाले लोग टेलीविजन और रेडियो से चिपके होते हैं।
क्रिकेट एक बड़े-से मैदान में खेला जाता है। मैदान के बीचोबीच बाईस गज लंबी पिच होती है। इसके निर्धारण के लिए दोनों किनारों पर तीन तीन विकेट खड़े किए जाते हैं। यह दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। इस खेल में निर्णय देने के लिए दो अंपायर भी होते हैं। मैदान के बाहर एक तीसरा अंपायर होता है जो टीवी पर रिप्ले देखकर जटिल मामलों में फैसले देता है। एक टीम के खिलाड़ी मैदान में फैलकर गेंद को बाहर जाने से रोकते हैं और दूसरी टीम के दो खिलाड़ी बल्लेबाजी करते हैं।
क्रिकेट में हार-जीत का फैसला बनाए गए रनों के आधार पर होता है। जो टीम अधिक रन बनाती है या जिस टीम के कम खिलाड़ी आउट होते हैं, वही विजयी घोषित कर दी जाती है। बल्लेबाज द्वारा गेंद को हिट करने पर यदि वह निर्धारित सीमा रेखा छू जाती है तो चार रन और उसके ऊपर से होकर सीमा रेखा से बाहर गिरने पर छह रन माने जाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट को आजकल तीन प्रारूपों में खेला जाता है-टेस्ट मैच, यह पाँच दिनों तक खेला जाता है। प्रत्येक दिन 90 ओवर अर्थात् 540 गेंदें फेंकनी होती हैं। इसमें हार-जीत का फैसला कम हो पाता है। अतः आजकल इसकी लोकप्रियता घटती जा रही है। इसका दूसरा प्रारूप एक दिवसीय मैच है, जिसमें प्रत्येक टीम पचास-पचास ओवर खेलती है। इसमें हार-जीत का फैसला हो जाता है जो बहुत ही लोकप्रिय है। इसका तीसरा प्रारूप टी-20 नाम से प्रसिद्ध है। इसमें प्रत्येक टीम 20-20 ओवर खेलती है। आजकल यह बहुत ही लोकप्रिय है। इसे फटाफट क्रिकेट भी कहा जाता है। भारत में खेले जाने वाला आई.पी. एल., जिसमें विश्व के प्रमुख देशों के मुख्य खिलाड़ी खेलते हैं, दुनियाभर में बहुत ही लोकप्रिय हो रहा है। अब तक आई.पी.एल. का 6 बार सफल आयोजन किया जा चुका है। सचिन तेंदुलकर, महेंद्रसिंह धोनी, वीरेंदर सहवाग, जहीर खान, सुरेश रैना आदि प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं।