Mera priya khel hockey . Essay in hindi ( should be of 200-300 words)
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Explanation:
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है । हॉकी एक लोकप्रिय खेल है, जिस प्रकार यह खेल भारतवर्ष में कई वर्षों से खेला जा रहा है उससे यह प्रतीत होता है कि यह खेल भारतीय है । वास्तविकता यह है, कि भारतवर्ष में हॉकी को अंग्रेजों ने शुरू किया था । भारतीय इस खेल में दक्ष हो गए और अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में विजय प्राप्त करके नाम कमाया ।
बहुत पहले ईरान के लोग बल्लों से एक खेल खेला करते थे । यह खेल हॉकी से मिलता था । किन्तु वह खेल हॉकी की तरह बढ़िया नहीं था । ईरानियों से यह खेल यूनानियों ने सीखा और उसे रोम तक पहुंचाया। वर्ष 1921 में एथेन्स में हुई खोज के आधार पर इस बात की पुष्टि हुई, कि यूरोप – यह खेल पूर्व से ही पहुंचा । किन्तु आधुनिक हॉकी से मिलता-जुलता खेल पहली बार इंग्लैण्ड में ही खेला गया उस समय यदि 14 मीटर से ज्यादा की दूरी से गोल किया जाता तो उसे गोल नहीं माना जाता था ।
किन्तु तब तक गोल वृत्त नहीं बनाया जाता था । जिस प्रकार की हाँकी अब खेली जा रही है हॉकी का जन्म 1886 में तब हुआ जब हाँकी एसोसियेशन की स्थापना हुई । इसके बाद इंग्लैण्ड और आयरलैंड के मध्य वर्ष 1895 में पहला अन्तर्राष्ट्रीय मैच खेला गया ।
हॉकी का खेल दो टीमों के मध्य खुले मैदान में खेला जाता है । प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं । प्रत्येक टीम गोल करने का प्रयत्न करती है । हॉकी का मैदान 92 मीटर लम्बा और 52 से 56 मीटर चौड़ा होता है । हॉकी के खेल में गेंद, हाँकी, चुस्त ड्रैस, हल्के मजबूत और सही नाप के केनवास के जूते, झंडियां, गोल के खंभे तथा तख्ते तथा गोल की जालियां आदि चीजें काम आती हैं । हॉकी का खिलाड़ी स्वस्थ तथा मजबूत होना चाहिए ।
हॉकी कई देशों में खेला जाने वाला एक सबसे लोकप्रिय और दिलचस्प खेल है। यह भारत का राष्ट्रीय खेल चुना गया है हालांकि, इसके लिए किसी भी प्रकार की आधिकारिक घोषण नहीं की गई है। इस खेल में दो टीमें होती हैं और दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। एक टीम के खिलाड़ियों का लक्ष्य दूसरी टीम के खिलाफ हॉकी के प्रयोग से विरोधी टीम के नेट पर बॉल मारकर अधिक से अधिक गोल बनाना होता है। हमारे देश ने छह ओलंपिक स्वर्ण पदक और लगातार विभिन्न मैच जीतने के बाद हॉकी के क्षेत्र में एक शानदार रिकॉर्ड बना दिया है। जब भारत ने लगातार विभिन्न हॉकी मैच जीते थे उस समय को हॉकी के स्वर्णिम दौर (1928 से 1956 के बीच के समय) के रूप में कहा जाता है। स्वर्णिम दौर के प्रसिद्ध खिलाड़ी ध्यानचन्द थे, और उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों की वजह से उन्हें हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है।
हॉकी का इतिहास और उत्पत्ति
हॉकी भारत में वर्षों पहले से खेला जाने वाला प्राचीन खेल है। यह हॉकी की छड़ी (स्टिक) और बॉल के साथ खेला जाता है। यह 1272 ईसा, पूर्व से पहले आयरलैंड में और 600 ईसा. पूर्व के दौरान प्राचीन यूनान में खेला जाता था। हॉकी के बहुत से रुप है; जैसे- मैदानी हॉकी, आइस हॉकी, स्लेज हॉकी, रोलर हॉकी, सड़क हॉकी, आदि। आजकल, मैदानी हॉकी को आमतौर पर, खेला जाता है। आइस हॉकी, मैदानी हॉकी के बिल्कुल विपरीत है, जो कनाडा और उत्तरी अमेरिका के बर्फीले मैदानों में खेली जाती है।
हॉकी खेलने के लिए आवश्यक उपकरण
हॉकी को सुरक्षित रुप से खेलने के लिए रुख उपकरणों की आवश्यकता होती है जिनके नाम, हैलमेट, नेक (गर्दन) गार्ड, कंधे के पैड, घुटनों के पैड, कोहनी के पैड, कप पॉकेट के साथ जैक्सट्रैप और सुरक्षात्मक कप (पुरुषों के गुप्तांग की रक्षा के लिए कप), हॉकी की छड़ी, और एक बॉल।
हॉकी के रुप
हॉकी के अन्य रुप (जो हॉकी या अपने पूर्ववर्तियों से उत्पन्न हुए हैं) जैसे; एअर (हवा में) हॉकी, बीच (समुद्री तट) हॉकी, बॉल हॉकी, बॉक्स हॉकी, डेक (बन्दरगाह) हॉकी, फ्लोर (जमीनी) हॉकी, फुट हॉकी, जिम हॉकी, मिनी हॉकी, रॉक हॉकी, पौंड हॉकी, पॉवर हॉकी, रौसेल हॉकी, स्टेकर हॉकी, टेबल हॉकी, अन्डर वॉटर हॉकी, यूनिसाइकल हॉकी आदि।
भारत में हॉकी का भविष्य
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, वास्तव में हॉकी के खेल का भारत में स्वर्णकाल के बाद अच्छा समय अब बीत गया है। यह हॉकी में रुचि और हॉकी के योग्य खिलाड़ियों की कमी के साथ ही भविष्य में इस खेल को नियमित रखने के लिए युवाओं को आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण हुआ है। ऐसा लगता है कि, यह कभी भी खत्म नहीं होगा और हॉकी के लिए लोगों के प्यार, आदर और सम्मान के कारण हॉकी का स्वर्ण युग वापस आएगा। यद्यपि, हॉकी के स्वर्ण युग को भारत में वापस लाने के लिए भारतीय सरकार के द्वारा अधिक प्रयासों, लगन और समर्थन की आवश्यकता है। भारतीय हॉकी लीग, हॉकी टीमों को बढ़ाने (2016 तक 8 टीम और 2018 तक 10 टीम) के लिए कुछ प्रभावशाली रणनीतियों को लागू करने की योजना बना रही है। आने वाले तीन सत्रों में (2016 से 2018 तक 6 मैचों का टूर्नामेंट होगा) भारतीय हॉकी और आस्ट्रेलिया हॉकी के बीच अनुकूल समझौता हुआ है।
निष्कर्ष
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। ऐसा केवल कहा जाता है हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि, हॉकी के स्वर्ण युग को वापस लाकर इसे आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय खेल घोषित कराया जाए। इसके लिए बच्चों को स्कूल के समय से ही उन्हें सभी सुविधाओं को प्रदान करने के द्वारा उच्च स्तर पर बढ़ावा देने के साथ ही अध्यापकों, अभिभावकों और सरकार के द्वारा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।