mera vidyalaya or shiksha ka badalta swaroop essay in hindi
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मेरा विद्यालय और शिक्षा का बदलता स्वरूप (निबंध)
आज के समय में मेरे विद्यालय में शिक्षा का स्वरूप पूरा इस तरह बदल गया है। तकनीक में निरंतर प्रगति होने के कारण मेरे विद्यालय में शिक्षा का स्वरूप पहले से ही बदल रहा था, और मेरे विद्यालय ने तकनीक को अधिक से अधिक अपनाना शुरु कर दिया है।
पहले हमारी कक्षा में ब्लैक बोर्ड पर हमको लिखकर समझाया जाता था, हम अपनी कॉपी में शिक्षक द्वारा दी गई जानकारी लिखते थे और किताबों से पढ़ते थे। हमें कोई भी संदेह होता तो हम शिक्षक से पूछ लेते। हम अपनी जिज्ञासा के समाधान के लिए शिक्षक पर पूरी तरह से निर्भर थे। अब ऐसा नहीं रह गया है, अब हमे जो विषय हमारे शिक्षक पढ़ाते है, उसके बारें हम इंटरनेट के माध्यम से पहले ही जानकारी प्राप्त कर लेते हैं और पहले से तैयार होकर जाते हैं, इसलिए हम अपने शिक्षक की बात पर ध्यान नहीं देते हैं।
अब हमारा ब्लैकबोर्ड कंप्यूटर मॉनिटर में बदलता जा रहा है। हमारे विद्यालय में हमारी कक्षा में एक बड़ी टच स्क्रीन मॉनिटर लगाया गया है। जिस पर शिक्षक हमें हमें हमें पाठ के विषय में समझाते हैं।
जब कोरोना महामारी के कारण विद्यालय आदि बंद होने के कारण हम अपने कंप्यूटर और मोबाइल पर ही शिक्षा पाने के लिए आश्रित हो गए हैं। अब वह चॉक डस्टर हमारे लिए पुरानी बातें हो जा रही हैं। अब हम तकनीकी युग में आ गए हैं जहां पर हमें कंप्यूटर स्क्रीन पर शिक्षा दी जाने लगी है। हम भी जो कुछ लिखते हैं वह अपने लैपटॉप या टेबलेट में लिखते हैं। धीरे-धीरे शिक्षा का यह स्वरूप सभी विद्यालय में पूरी तरह लागू हो रहा है।
पहले शिक्षा हमें विद्यालय जाने का उत्साह रहता था। अब बहुत ऑनलाइन शिक्षा का प्रचलन अधिक हो गया है और रोज विद्यालय जाना आवश्यक नहीं। इस कारण विद्यालय की मौज मस्ती हलचल को हम मिस करते हैं। विद्यालय में जाकर शिक्षा ग्रहण करना धमाचौकड़ी मचाना इन बातों में जो आनंद था वह ऑनलाइन शिक्षा में नही है।
आज का शिक्षा का शुरू पूरी तरह बदल चुका है। शिक्षक और विद्यार्थी दोनों आत्मकेंद्रित हो गए हैं, शिक्षा में औपचारिकता भर रह गई है। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच वैसे आत्मीय संबंध अब नहीं दिखते। आज की शिक्षा ज्ञान केंद्र ना होकर रोजगार केंद्रित हो गई है।