Hindi, asked by mj128mj128gmailcom, 1 day ago

mere dridhtikon ke anusar 2047 ka bharat kaisa होगा पर nibhand​

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Answered by adityasingh49217
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Answer:

75वें स्‍वतंत्रता दिवस पर आजादी का अमृत महोत्‍सव मनाते हुए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'इंडिया एट 75' यानी आजादी के 75 वर्ष की बात की, तो दो टूक शब्दों में कहा कि आगामी 25 वर्ष अमृत काल है। इस अमृत काल खण्ड में हमारे संकल्‍पों की सिद्धि, हमें आजादी के सौ वर्ष तक ले जाएगी। लेकिन हमें अपने लक्ष्‍यों की प्राप्‍ति के लिये इतना लम्‍बा इंतजार भी नहीं करना है, बल्कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और अब सबका प्रयास हासिल करना है। क्योंकि हमारे लिए अब हर लक्ष्‍यों की प्राप्‍ति के लिये दत्त-चित्त होकर प्रयास करना बहुत ही महत्‍वपूर्ण है।

इस बात में कोई दो राय नहीं कि पहले की तुलना में हम बहुत तेजी से बहुत आगे बढ़े हैं। लेकिन हमें सैचुरेशन तक जाना है, पूर्णता तक जाना है। शत-प्रतिशत गांवों में सड़के हों, शत-प्रतिशत परिवारों के बैंक अकाउंट हो, शत-प्रतिशत लाभार्थियों को आयुष्‍मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्‍यक्‍तियों को उज्ज्वला योजना और गैस कनेक्‍शन हों।

इसलिए पीएम स्‍वनिधि योजना अंतर्गत पटरी और फुटपाथ पर बैठकर सामान बेचने वाले, ठेला चलाने वाले साथियों को भी स्‍वनिधि योजना के जरिए बैंकिंग व्‍यवस्‍था से जोड़ा जा रहा है।

Answered by claxmi190gmailcom
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Answer:

भारत अपनी आजादी के पचहत्तर वर्ष मना रहा है। देश को बड़ा और लोकतांत्रिक रूप से सफल बनाने का सपना हर किसी का होता है। एक ऐसा देश जहां सभी क्षेत्रों में समानता है और सभी पीढ़ियों के लिए यह प्रगति का गवाह है। औरों की तरह मेरा भी अपने देश भारत के लिए एक सपना है और ऐसा होना चाहिए कि मैं जीने के लिए और आने वाली पीढ़ी को भी गर्व महसूस कर सकूं। वर्ष 2047 विकास, विकास, लिंग, समानता, रोजगार और अन्य कारकों के चश्मे से इनिया को देखने के लिए ऐतिहासिक वर्ष होगा।

हम जो सपना देखते हैं वही हम देखते हैं, इसी तरह, हम 2047 के भारत की कल्पना कैसे करते हैं, यह तय करेगा कि हम अगले पच्चीस साल में क्या क्रांतियां अपनाएंगे। भारत को गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण, भ्रष्टाचार और अन्य सामाजिक बुराइयों से मुक्त देखना चाहता है। अगले पच्चीस वर्षों में, भारत को आंतरिक और बाह्य दोनों रूप से एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में बदलना चाहिए। इस पर, एक विकासशील राष्ट्र के रूप में हमारा सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य आर्थिक मोर्चों पर काम करना और कुछ प्रमुख सुधारों को लाकर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना होना चाहिए।

आर्थिक क्षेत्र के अलावा, लैंगिक समानता की दिशा में काम करने और उनकी पृष्ठभूमि के बावजूद सभी के लिए समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है। अगले पच्चीस वर्ष न केवल हमारे देश के लिए बल्कि भारत के नागरिकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे। यात्रा कठिन हो सकती है लेकिन गंतव्य पुरस्कृत होने का वादा करता है। हम एक ऐसे देश को देखेंगे जो इतना शक्तिशाली फिर भी इतना एकजुट है।

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