Hindi, asked by heenaansari96940, 1 month ago

mere ghar ka nokar essay writing in hindi​

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Answered by shreyansh172155
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Explanation:

मैं लोगों के घरों में काम कर के अपने गरीब और अपाहिज माँ-बाप तथा दो छोटे बहन-भाई का पालन कर रहा हूँ। नहीं, मेरी अपनी आयु भी कोई बहुत अधिक नहीं है। अभी तो मात्र चौदह वर्ष का हूँ। हाँ, आप ने सच कहा। हालात की मार के कारण मेरी आयु कहीं, अधिक, बीस-पच्चीस वर्षों से कम नहीं लगती; पर वास्तविकता वही है, जो मैंने बताई है। जी, आप के यहाँ काम करने आने से पहले मैं और कई घरों में काम कर यहाँ चुका हूँ। हाँ सच, अभी मात्र छ:-सात वर्ष का ही रहा हूँगा? तभी से घरों में सभी तरह का काम करने लगा हूँ।

जी, सब से पहले मैंने जिस घर में काम करना शुरू किया था, उस घर के मालिक का बेटा बड़े ही दुष्ट और बिगडैल स्वभाव वाला था। हाँ, मेरी ही आयु का रहा होगा। था बडा जिद्दी। उसके विशाल घर के आगे-पीछे बड़े-बड़े लॉन और फूलों की क्यारियाँ थी। गमलों में भी फूलों के सुन्दर पौधे लगे थे। वह लड़का जाने कैसी प्रकृति का था कि अचानक उठा और पटक कर गमले तोड़ देता। फिर खिलखिला कर हँसने लगता। माता-पिता के पूछने पर झूठ-मूठ ही कह देता कि इस मुण्डू (उस घर में मुझे मुण्डू ही कहा जाता था) ने तोड़ा है गमला उसके सामने। तब मालिक मुझे गालियाँ दे-देकर कोसते-डाँटते तो थे ही, कई बार पीट भी देते। उस समय भी वह लड़का तालियाँ बजा-बजाकर हँसता रहता। घर में और भी कई तरह के नुकसान तो वह लड़का करता, पर झिड़कियाँ, गालियाँ और मार मुझे खानी पड़ती। एक बार तो उसने इतना नुकसान किया, कि मालिक ने उसके कहने से मेरा पूरे महीने का वेतन ही काट लिया। तब समझ में आया कि कितनी चालाक है दुनिया और कितने हृदयहीन और कान के कच्चे, आँख के अन्धे होते हैं ये बड़े लोग। सो चुपचाप नौकरी छोड़ चला आया।

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