Mere jeevan ka lakshya lawyer essay hindi
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हर कोई जीवन में कुछ न कुछ बनना चाहता है।मैं एक वकील बनकर समाज के दबे-कुचले शोषित और गरीब लोगों की मदद करना चाहता हूँ ।मैं सच्चे और ईमानदार लोगों का केस लड़कर उन्हें न्याय दिलाना चाहता हूँ । वकील बनकर मैं न्यायिक व्यवस्था की खामियों को यथासंभव दूर करने का प्रयास करूँगा । कहा जाता है कि न्याय मिलने में देरी अन्यायी का साथ देने के बराबर है ।
इसलिए मैं चाहूँगा कि मुकदमा लंबा न खिंचे और लोगों को शीघ्र न्याय मिले । एक वकील के रूप में मैं अपराधियों बलात्कारियों तथा हत्यारों का कभी साथ नहीं दूँगा तथा पीड़ित व्यक्तियों की ओर से लड़कर उन्हें उचित न्याय दिलवाऊंगा । ग्रामीण गरीब प्राय: एक-दूसरे पर व्यर्थ का मुकदमा करते हैं ।
ऐसे लोगों को मैं आपस में सुलह करने की सलाह दूँगा । बहुत से वकील इन भोले-भाले व्यक्तियों के केस को बहुत लंबा खींचते हैं तथा अपनी जेब भरते रहते हैं । इन व्यर्थ के मुकदमों के कारण ही न्याय मिलने में देरी होती है तथा अदालतों में बहुत से मुकदमे लंबित पड़े रहते हैं ।
एक वकील के पेशे को चुनने के पीछे मेरा उद्देश्य यह भी है कि लोग न्याय को बिकाऊ न समझें । बहुत से अपराधी धन और प्रभाव के बल पर मुकदमा जीत जाते हैं क्योंकि इनके खिलाफ कोई भी गवाही देने से डरता है । मैं ऐसे अपराधियों के षड्यंत्र को बेनकाब कर कानून की मदद करना चाहूँगा ।