Hindi, asked by shruvSarutifu, 1 year ago

mere priya samaj sevak essay

Answers

Answered by yogeshpanjla
8
ऐसी मान्यता है कि मनुष्य योनि अनेक जन्मों के उपरान्त कठिनाई से प्राप्त होती है । मान्यता चाहे जो भी हो, परन्तु यह सत्य है कि समस्त प्राणियों में मनुष्य ही श्रेष्ठ है । इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले समस्त प्राणियों की तुलना में मनुष्य को अधिक विकसित मस्तिष्क प्राप्त है जिससे वह उचित-अनुचित का विचार करने में सक्षम होता है ।
पृथ्वी पर अन्य प्राणी पेट की भूख शान्त करने के लिए परस्पर युद्ध करते रहते हैं और उन्हें एक-दूसरे के दुःखों की कतई चिन्ता नहीं होती । परन्तु मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । मनुष्य समूह में परस्पर मिल-जुलकर रहता है और समाज का अस्तित्व बनाए रखने के लिए मनुष्य को एक-दूसरे के सुख-दुःख में भागीदार बनना पड़ता है ।
अपने परिवार का भरण-पोषण, उसकी सहायता तो जीव-जन्तु, पशु-पक्षी भी करते हैं परन्तु मनुष्य ऐसा प्राणी है, जो सपूर्ण समाज के उत्थान के लिए प्रत्येक पीडित व्यक्ति की सहायता का प्रयत्न करता है । किसी भी पीड़ित व्यक्ति की निःस्वार्थ भावना से सहायता करना ही समाज-सेवा है ।
Answered by bhatiamona
6

मेरा प्रिय समाज सेवक हिंदी निबंध

                               नेताजी सुभाष चन्द्र बोस  

मेरा प्रिय समाज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस है| महान क्रान्तिकारी, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे सुभाष चन्द्र बोस। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने अपने कार्यों से अंग्रेजी सरकार के होश छुड़ा दिये।  नेता जी  सुभाष चन्द्र बोस का जन्म  सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, सन 1897 ई. में उड़ीसा के कटक नामक स्थान पर हुआ था।  

आज़ादी की लड़ाई में देश के अनेक लोगों और नेताओं ने अपना योगदान दिया था। उन वीरों में से एक नाम ' नेता जी सुभाष चंद्र बोस ' का भी था। इन्होंने अपने वीरतापूर्ण कार्यों से अंग्रेज़ी सरकार की नींव को हिलाकर रख दिया था।

सुभाष चंद्र बोस भारत के सबसे मशहूर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह युवाओं का एक प्रभावशाली प्रभावशाली व्यक्ति थे और स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के दौरान भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) की स्थापना और अग्रणी द्वारा 'नेताजी' नामक उपाधि अर्जित की थी। हालांकि प्रारंभ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ गठबंधन किया गया था, लेकिन विचारधारा में उनके अंतर के कारण उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में नाजी नेतृत्व और जापान में शाही सेनाओं से सहायता की मांग की, ताकि अंग्रेजों को भारत से उखाड़ फेंका जा सके। 1945 के बाद उनके अचानक लापता होने के कारण, विभिन्न सिद्धांतों के सामने उनके अस्तित्व की संभावनाओं के बारे में पता चला।

इनकी मौत रहस्यात्मक ढंग से हुई थी , जिसका आज तक किसी को पता नहीं चला। परन्तु इनके योगदान ने समस्त संसार को यह बतला दिया कि भारतीय चाहें तो क्या नहीं कर सकते हैं। भारत में इस शहीद की शहादत हमेशा इन्हें याद किया जाता है|

Similar questions