"mere sacche Mitra" par bhumika aur niskarsh likh kar do
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✤ भूमिका – मनुष्य के जीवन में दुख-सुख आते-जाते रहते हैं। सुख के पलों को वह बड़ी आसानी से बिता लेता है, पर दुख के पल बिताना कठिन हो जाता है। ऐसे समय में उसे ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत महसूस होती है जो दुख में उसका साथ दे, उसका दुख बाँट ले। दुख की बेला में साथ निभाने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है।
✤ उपसंहार – जीवन में किसी का मित्र बनना जितना कठिन है, उससे भी अधिक कठिन है मित्रता का निर्वाह करना। हमें मित्र बनकर सच्ची मित्रता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। हमें मित्र के सुख में सुख और उसके दुख को अपना दुख समझना चाहिए। कहा भी गया है
जे न मित्र दुख होंहि दुखारी।
तिनहिं बिलोकत पातक भारी।।
aisha639:
thank you so much ☺️
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this sacha mitr pehchan
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