mere toh esa kuch nhi aaya ek kaam kr tu mujhe meri id ka screenshot bhej de
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Explanation:
वॉट्सएप या फेसबुक पर कम्युनल मैसेज फॉर्वर्ड करना जिससे किसी को खतरा हो या किसी भी धर्म या जाति की भावनाओं को ठेस पहुंचे. या कोई दंगा भड़क जाए.
2. अगर आप कसम खाते हैं या किसी के नाम पर गाली देते हैं तो उसे भी मानहानी के तहत माना जाएगा. सोशल मीडिया पर किसी को ऐसा कुछ कहा है जो आपके कैरेक्टर पर सवाल उठाता है तो आप आईटीएक्ट 2000 के सेक्शन 66A के सबसेक्शन a के तहत उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
3. कुछ भी ऐसी बात या मैसेज जिससे किसी इंसान की मानहानी होती है, रेप्युटेशन को नुकसान पहुंचता है उसे भी कानूनी माना जाएगा. किसी भी इंसान के बारे में कोई झूठी अफवाह फैलाना (वॉट्सएप या फेसबुक पर गॉसिप करना जिससे कैरेक्टर पर उंगली उठ सकती हो) भी साइबर क्राइम के अंतरगत आता है.
4. बेइज्जती करने वाले शब्द या सिम्बल ऐसे जिससे कैरेक्टर को कोई नुकसान हो या सार्वजनिक तौर पर किसी इंसान की छवि खराब हो ऐसे शब्द भी डिफेमेशन माने जाएंगे.
5. सोशल मीडिया या वॉट्सएप पर अगर कोई गालियां दे रहा है तो उसे भी साइबर क्राइम की श्रेणी में रखा जा सकता है.
6. किसी की आपत्तीजनक फोटो फेसबुक पर डालना या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वायरल करना भी साइबर क्राइम के अंतरगत आता है. अगर आप वॉट्सएप पर कोई फोटो फॉर्वर्ड करते हैं जिसके बारे में आपको पता ना हो तो या फिर जानकर आप किसी की गलत फोटो वायरल कर रहे हैं तो भी आपको जेल हो सकती है.
इसमें फोटो मॉर्फ करना भी शामिल है. किसी भी इंसान की फोटो मॉर्फ करना या फिर किसी और के जरिए मॉर्फ की गई फोटो वायरल करना भी इस कैटेगरी में आता है.
इस कैटेगरी में वो तस्वीरें भी आती हैं जिनमें किसी को कैंसर बताया जाता है तो किसी को रेलवे स्टेशन पर खोया हुआ बच्चा, ऐसी तस्वीरें आधी से ज्यादा फेक होती हैं.