Meri delhi hari bhari essay in hindi
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दिल्ली की सरकार ने 'क्लीन डेल्ही, ग्रीन डेल्ही' अर्थात स्वच्छ दिल्ली, हरी दिल्ली स्लोगन दिया है। इसका उद्देश्य है दिल्ली को अधिक हरा बनाना और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना है।
दिल्ली में सड़क के किनारे दोनों ओर लगे हरे भरे पेड़, हरे बगीचे और पार्क हैं जिनके कारण उसे हरी दिल्ली भी कहते हैं। वह भारत का सबसे हरा नगर है इसलिए प्रकृति के साथ छुट्टियाँ बिताने के लिए उत्तम है।
प्राचीन समय से दिल्ली अपनी हरियाली के लिए जाना जाता है। वह एकांत प्रेमियों के लिए बहुत अच्छा है। आज के आधुनिक समय में भी आपको वहाँ किसी नीम या जामुन के पेड़ के नीचे कोई शांत स्थान मिल जायेगा। मुगल बादशाहों ने दिल्ली को सुंदर बनाने के लिए बहुत पैसे खर्च करे। उन लोगों ने वहाँ सुंदर बाग बनाये।
आधुनिक विकास के कारण वहाँ का वातावरण प्रदूषित हो गया है। इसलिए दिल्ली सरकार ने उसे फिर से सबसे अधिक हरियाली वाली जगह बनाने का प्रयास किया है।दिल्ली को हरा-भरा बनाए रखने के कार्य से जुड़े विभिन्न निकायों व विभागों ने अगस्त माह तक 3.32 लाख पौधे लगाए हैं। इस वर्ष में 7.35 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है। मानसून विलम्ब से आने के कारण अगस्त माह में ही वृक्षारोपण कार्यक्रम हो पाए हैं। इस बार वृक्षारोपण की निगरानी के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं को जिम्मेदारी दी गई थी। वृक्षारोपण करने वाली एजेंसी से स्थान विशेष पर लगाए गए पौधों और उनके हरा-भरा रहने तक की रिपोर्ट मांगी गई थी।
दिल्ली सरकार की मुख्यसचिव को दी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वृक्षारोपण के निर्धारित लक्ष्य को लगभग एजेंसियां पूरा नहीं कर पाईं हैं। इस कार्य में वन विभाग, इको टास्क फोर्स, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, विकास विभाग, सीपीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड का योगदान रहता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और स्कूलों ने इस कार्य में विशेष रुचि दिखाई है। 253 स्कूलों ने पैंतालीस हजार पौधे, 196 रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों ने तीस हजार पौधे सरकारी निकायों की नर्सरियों से प्राप्त किए। आशा की गई है कि वृक्षारोपण की संख्या सितम्बर माह में और बढ़ेगी।
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