Hindi, asked by varsharastogi47, 7 months ago

meri meghalaya yatra par nibandh​

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Answered by Anonymous
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Meghalaya In Hindi, मेघालय भारत का पूर्वी राज्य है जिसकी राजधानी शिलांग हैं। मेघालय से शिलांग की दूरी लगभग 111 किलोमीटर है। मेघालय पर्यटन स्थल अपनी सुंदर पर्वत मालाओं, भारी वर्षा, धूप, उच्च पठारों, लुभावने झरनों, नदियों और घास के आकर्षित मैदानों के लिए बहुत अधिक फेमस है। ise lekar krlo khud ke words dalna mat bhula

Answered by sumitkumar00711
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Answer:

दो साल पहले गुवाहाटी में रहना शुरू करने की वजह से बादलों का घर, मेघालय, मेरा पड़ोसी हो गया, वो भी ऐसा पड़ोसी जहाँ मैं जब चाहूँ, जैसे चाहूँ बिना किसी योजना के टपक पडूँ । मेघालय में घुमक्कड़ी की दृष्टि से देखा जाए तो दो बातें ज्यादा प्रसिद्ध हैं, एक तो इसके झरने और दूसरा शीशे की तरह साफ दिखने वाली नदियाँ ।

मेघालय में घूमना मतलब हर क़दम पर प्रकृति की जादुई दुनिया से सम्मोहित होने जैसा है। गारो, ख़ासी और जयन्तिया की पहाड़ियों के बीच फैली इस धरती में जिधर नज़र घुमा लो उधर ही प्राकृतिक सुंदरता बिखरी पड़ी है। इतने कम क्षेत्र में प्रकृति की ऐसी अद्भुत चित्रकारी कम ही देखने को मिलती है । यहाँ पहुँचकर ऐसा लगता है जैसे भगवान ने एक बड़े कैनवास में चुन चुनकर रंग भर दिये हों, कहीं बादल के रूप में, कहीं झरनों के रूप में, कहीं नदियों के रूप में..झीलें, पहाड़ियाँ, जंगल, गुफाएँ, पेड़ की जड़ों से बने अद्भुत पुल, क्या नही है इस कैनवास में ।

सेवन सिस्टर्स फाल्स, चेरापूँजी

अगर मेघालय घूमने की वजह ही तलाशनी है तो निम्नलिखित बातों पर ग़ौर किया जा सकता है :

1. बादलों की आँखमिचौली : मेघालय को यूँ ही बादलों का घर नही कहते । यहाँ हर क़दम पर बादल आँखमिचौली करते मिल जाते हैं । चाहे वो गुवाहाटी-शिलाँग हाईवे हो या चेरापूँजी की पहाड़ियाँ, लाइलुम (Laitlum) का कैनयान हो या तुरा की गुफाएँ, बादलों के इस घर में आसमान में रुई के फाहों की तरह उड़ते बादल सिर्फ़ देखने के लिए नहीं हैं । मेघालय में आप उन बादलों को छू सकते हैं, उनसे लिपटकर उन्हें महसूस कर सकते हैं ।

2. बारिश और झरनों का शहर : मेघालय में स्थित चेरापूँजी (जिसे स्थानीय निवासी सोहरा के नाम से बुलाते हैं) को बारिश और झरनों का शहर कह सकते हैं । यह दुनिया का सबसे बारिश वाला क्षेत्र है, जहाँ बादल कभी भी कहीं भी बिना बताए बरस पड़ते हैं और जब बरसते हैं तो फिर झमाझम बरसते हैं । लेकिन यही तो ख़ूबसूरती है सोहरा की, बारिश के शहर में अगर बारिश ही नही देखी तो फिर दुनिया में सबसे ज़्यादा बारिश वाले स्थान पर क्या देखा?

चेरापूँजी की घाटियों में उठते बादल

बारिश की अधिकता की वजह से चेरापूँजी के आस पास के क्षेत्रों में भव्य और विशाल झरनों की भरमार है । इनमें से कुछ झरने ऐसे हैं, जिन तक पहुँचना आसान है, इसलिए वो पर्यटकों की भीड़ से भरे रहते हैं । वहीं कुछ झरने ऐसे भी हैं, जो घने जंगलों में लोगों की नज़रों से दूर छुपे हुए हैं । उन तक पहुँचना ही अपने आप में एक रोमाँचक एहसास होता है ।

चेरापूँजी के अलावा जोवई की जयन्तिया पहाड़ियों में भी एक से बढ़कर एक सुंदर झरने हैं । असम की सीमा के आस पास गारो पहाड़ियों में भी मंत्रमुग्ध कर देने वाले झरनों की भरमार है ।

3. गुफ़ाओं का चमत्कारी संसार: बारिश और झरनों के सुंदर दृश्यों के अलावा मेघालय की अनगिनत अंधेरी गुफ़ाओं के अंदर भटकना रोमाँच का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। मेघालय में एशिया की सबसे लम्बी गुफाएँ हैं, जिनमें से कुछ तो ऐसी हैं जिनमें केवल रेंगकर या पानी में तैरकर प्रवेश किया जा सकता है । स्टैलेक्टाइट्स( Stalactites ) और स्टैलेग़माइट्स ( Stalagmites) की यह अनोखी दुनिया रोमाँच के साथ ही साथ लाखों वर्ष पुराने जीवाश्मों से रूबरू होने का अवसर भी प्रदान करती है ।

4. शीशे सी चमकती नदियाँ : जिस देश में सरकारें नदियों की साफ़-सफ़ाई के लिए विशेष बजट पास करती हों, उसी देश के एक हिस्से में नदियों का पानी इतना साफ़ है कि पानी बिलकुल पारदर्शी नज़र आता है । वैसे तो इनमें सबसे प्रसिद्ध है ख़ासी और जयन्तिया पहाड़ियों की सीमा रेखा बनाकर डावकी से गुज़रने वाली उनगोट नदी (Ungot River), जिसका पानी सर्दियों के मौसम में जब बारिश कम होती है, एकदम शीशे की तरह स्वच्छ नज़र आता है । इतना स्वच्छ की नदियों पर चल रही नावें हवा में टँगी हुयी प्रतीत होती हैं । मेघालय के बाक़ी हिस्सों में भी नदियाँ उनगोट की तरह पारदर्शी भले ना लगें, लेकिन फिर भी उनका सौंदर्य मन को मोहने वाला होता हैं ।

5. पवित्र जंगलों (Sacred Grooves) का

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