Meta jevan ka lakash Niband
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भूमिका:सभी मनुष्यों का अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य (Aim) अवश्य होता है । जीवन के आरम्भ के दिनों में अर्थात् अपने बचपन में हर व्यक्ति यह अवश्य सोचता है कि बड़ा होकर वह क्या बनना पसंद करेगा । मेरे जीवन का लक्ष्य है बड़ा होकर एक अच्छा शिक्षक (Teacher) बनना ।2. कारण:जीवन का कोई न कोई लक्ष्य अवश्य होना चाहिए । यदि लक्ष्य नहीं है तो हमारा जीवन दिशाहीन (Lacking Definite Direction) हो जाएगा । मैं सदा ही यह सोचता हूँ कि यदि समाज में अच्छे शि क्षक न हों तो यह समूचा समाज और सारी दुनिया हीदिशाहीन हो जायेगी ।शिक्षक को दुनिया में सबसे ऊँचा स्थान दिया जाना चाहिए क्योंकि शिक्षक ही हमाराआचरण (Character) सँवारते हैं और हमें जीवन के अच्छे-बुरे का ज्ञान देकर हमारा जीवन सुखी बनाने का प्रयत्न करते हैं । मेरा विश्वास है कि अच्छे शिक्षक के अ भाव के कारण ही समूचे संसार में नाना प्रकार के कष्ट और अनेक प्रकार की समस्याएँ (Problems) फैली हुई हैं । इसीलिए मैंने डॉक्टर, इंजीनियर, नेता या अधिकारी (Officer) बनने के स्थान पर शिक्षक बनने की इच्छा अपने मन में सँजोकररखी है ।3. उपाय:भले ही अच्छा शिक्षक बनना मेरे जीवन का लक्ष्य है किन्तु यह कुछ और बनने से अधिक कठिन कार्य है । अच्छा शिक्षक बनने के लिए केवल ऊँची शिक्षा (Higher education) पाना ही जरूरी नहीं है बल्किइसके लिए चाहिए कि हम साहसी (Courageous) तथा उच्च नैतिक आचरण (High Moral character) वाला तथा ऊँचे विचारों वाला व्यक्ति (A Man of High Thinking) बनें ।तभी हम अपने विद्यार्थियों को यह सब गुण दे सकेंगे । अच्छा अध्यापक बनने के लिए हमें व्यावसायिक विचार (Professional Thought) छोड़ने-होंगे और समर्पण भाव (With an Attitude of Sacrifice) से देश के भावी नागरिकों (Future Citizen) के मनऔर शरीर के विकास में योगदान (Contribution) करना होगा ।4. उपसंहार:इन सभी प्रयत्नों (Efforts) से मैं एक एक अच्छा शिक्षक बनने में सफल हो सकता हूँ और देश तथा विश्व को अनेक प्रकार से मुक्त कर सकता हूँ ।
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