metro mei Yatra anuched in hindi
Answers
मेरी प्रथम रेल यात्रा तो आज भी मेरे लिए अविस्मरणीय है क्योंकि मेरी प्रथम रेलयात्रा ने रोमांच के साथ ही मुझे एक ऐसा मित्र भी दिया जो आज मुझे सबसे अधिक प्रिय है । अत: इस दिन को तो मैं कभी भुला ही नहीं सकता ।
बात उस समय की है जब मैं आठ वर्ष का था । मेरे पिताजी को उनकी कंपनी की ओर से उनके अच्छे कार्य हेतु सपरिवार इस दिन के लिए रेल द्वारा देश भ्रमण का प्रबंध था । सभी रिजर्वेशन टिकट तथा अन्य व्यवस्था कंपनी द्वारा पूर्व ही कर दी गई थी। जैसे ही इस बात की सूचना मुझ तक पहुँची मेरी प्रसन्नता की सीमा न रही ।
इससे पूर्व मैंने रेलयात्रा के बारे में केवल सुना ही था । आज प्रथम बार इस अनुभव हेतु मैं बहुत ही रोमांचित, पुलकित एवं उत्साहित था । रात्रि 10:30 बजे पर हम नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए । स्टेशन की इमारत और दौड़ते-भागते तरह-तरह के लोगों को देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया ।
बहुत से कुली एक साथ हमारा सामान उठाने के लिए हमारी ओर लपके । पिता जी ने उनमें से एक की और संकेत किया और फिर हम उसके पीछे निश्चित प्लेटफार्म पर पहुँचे। वहाँ पर गाड़ी पहले से ही खड़ी थी । हमने अपनी पहले से ही रिजर्व सीटें ग्रहण कीं और सामान को नीचे रखकर आराम से बैठ गए ।
मैं खिड़की से कभी चाय-चाय चिल्लाते आदमी की तरफ देखता तो कभी सामने नल में पानी भरते हुए लोगों की भीड़ को । पिताजी ने पुस्तक विक्रेता से कुछ पत्रिकाएँ खरीद ली थीं । मैं अभी प्लेटफार्म की भीड़ में खोया था कि गार्ड की सीटी सुनाई दी और गाड़ी चल पड़ी । वह अवसर मेरे लिए बहुत ही रोमांचदायक था ।
मेरी बर्थ के सामने ही मेरी उम्र का एक और लड़का था । वह भी मेरी तरह पहली बार रेलयात्रा कर रहा था । धीरे-धीरे हममें मित्रता हो गई । उसका नाम विशाल था । हमने रात को साथ-साथ भोजन लिया और कुछ देर बातें कीं । फिर हमने अपनी-अपनी सीटों पर एक सूती चादर बिछाई और लेट गए ।
मेट्रो में यात्रा पर अनुच्छेद |
Explanation:
कल मैंने अपनी माता जी के साथ मेट्रो द्वारा सफर कर अपनी मामी जी के घर जाने का विचार बनाया। यह पहली दफा था जब मैं मेट्रो रेल की यात्रा करने जा रही थी। हम अपने घर से मेट्रो स्टेशन के लिए निकले और मेट्रो स्टेशन पर जाकर हमने सबसे पहले मेट्रो टिकट या टोकन लिए। मेट्रो स्टेशन पर मौजूद मेट्रो कर्मचारियों ने मशीन से हमारे लिए टोकन निकालने में हमारी सहायता की।
टोकन लेने के बाद हमें मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करना था जिसके लिए हमें पहले महिलाओं वाले द्वार से चेकिंग करवाकर अंदर जाना था। जब हमारी चेकिंग हो गई तो हमने मेट्रो स्टेशन के अंदर टोकन लगाकर प्रवेश किया।
प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए लिफ्ट और सीढ़ियां तो थी ही साथ ही वहां स्वचालित सीढ़ियां भी थी। हम स्वचालित सीढ़ियों का प्रयोग कर प्लेटफार्म पर पहुंचे। प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के बाद हमने देखा कि सामने बोर्ड पर मेट्रो के आने का समय था और साथ ही मेट्रो कितने कोच की है यह भी दिखाई दे रहा था।
हमने महिलाओं के डिब्बे की तरफ जाना सही समझा। जब मेट्रो आ गई तो हमने मेट्रो ले ली और बैठ गए। मैट्रो मैं बैठने के बाद हम प्रति 2 मिनट बाद अगले स्टेशन पर पहुंच रहे थे। स्टेशन का नाम और दरवाजे किस तरफ खुलेंगे बताने के लिए मेट्रो में एक रिकॉर्डिंग चल रही थी।
मुझे मेट्रो में यात्रा कर बहुत अच्छा लगा और मुझे जरा भी थकान नहीं हुई। हम लगभग 1 घंटे में अपने मामा जी के घर पहुंच गए थे। यही सफर हम बस से ढाई घंटे में तय कर पाते थे। मेरी मेट्रो यात्रा बहुत अच्छी रही और मेरी माता जी ही इस यात्रा से बहुत खुश थी।
ऐसे और अनुच्छेद पढ़ने के लिए दिए गए लिंक को खोलें:
यदि तुम पशु-पक्षियों की बोलियाँ समझ पाते तो
https://brainly.in/question/13547296