Hindi, asked by mph10042160Prachi, 5 months ago

metro rail delhi ki shaan anuched only in hindi for at least 6 Mark's its urgent guys please help........​

Answers

Answered by gaurichamoli404
1

Explanation:

दिल्ली की मैट्रो रेल यातायात की अत्याधुनिक सुविधा है ।यह राजधानी के लाखों लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुई है । इस सुविधा के होने से समय, श्रम और धन तीनों की बचत होती है । इससे सड़क यातायात का बोझ कुछ कम हुआ है । लोग बसों की भीड़- भाड़, धूल और उबाऊ यात्रा से बचकर अब मैट्रो रेल से आरामदायक ढंग से यात्रा करना पसंद करने लगे हैं । हालाँकि दिल्ली में भेदों रेल सन् 2002 से चलनी आरंभ हुई थी परंतु अभी भी नए मार्गों पर इसका काम चल रहा है । मैट्रो रेल के चलने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पहले से कम हुआ है । मैट्रो रेल पूर्णतया स्वचालित एवं वातानुकूलित सुविधा है । यह नियमित अंतराल पर पूरे नियम से चलती है । स्टेशन एवं बोगियों में साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था है । इसमें यात्रा करने के लिए लोग टोकन खरीदते हैं अथवा अपेक्षाकृत सस्ते स्मार्ट कार्ड का प्रयोग करनते है । मैट्रो रेल भारत की राजधानी की शान कही जा सकती है । इसे साफ-सुथरा रखना स्थानीय जनता का कर्त्तव्य है ।

दिल्ली मेट्रो भारत में सबसे बड़ा और व्यस्ततम मेट्रो है, और दुनिया की 9वीं सबसे लंबी मेट्रो प्रणाली लंबी अवधि में और 16 वीं सबसे बड़ी सवारी में है। CoMET के एक सदस्य, नेटवर्क में आठ रंग-कोडित नियमित रेखाएं होती हैं, जिसमें कुल लंबाई 317 किलोमीटर (197 मील) है जो 229 स्टेशनों (6 स्टेशन सहित एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन और इंटरचेंज स्टेशनों ) की सेवा करती है।[12][13] इस प्रणाली में ब्रॉड-गेज और मानक-गेज दोनों का उपयोग करके भूमिगत, एट-ग्रेड और उन्नत स्टेशनों का मिश्रण है। पावर आउटपुट 25 किलोवाल्ट, 50-हर्ट्ज वैकल्पिक ओवरहेड कैटेनरी के माध्यम से वैकल्पिक रूप से आपूर्ति की जाती है। ट्रेन आमतौर पर छह और आठ कोच लंबाई होती है। डीएमआरसी प्रतिदिन 2,700 से अधिक यात्राएं संचालित करती है, पहली ट्रेनें लगभग 05:00 बजे शुरू होती हैं और आखिरी बार 23:30 बजे होती हैं। 2016-17 के वित्तीय वर्ष में, दिल्ली मेट्रो में 2.76 मिलियन यात्रियों की औसत दैनिक सवारता थी और वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 100 करोड़ (1.0 अरब) सवार थे।

सितंबर २०११ में संयुक्त राष्ट्र ने "स्वच्छ विकास तंत्र" योजना के तहत हरित गृह गैसों में कमी लाने के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला "कार्बन क्रेडिट" दिया जिसके अंतर्गत उसे सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर मिलेंगे।

hope this help you

Similar questions