Hindi, asked by Esha7168, 1 year ago

Metro rail in Hyderabad in hindi language

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Answered by kvnmurty
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                              हैदराबाद मेट्रो रेल

 

     हैदराबाद मेट्रो तेज पारगमन का एक महत्वपूर्ण प्रणाली है। यह हैदराबाद और सिकंदराबाद के जुड़वां शहरों के लिए है बनाया गया । यह तेलंगाना सरकार, भारतीय रेलवे और प्राइवेट संगठनों का एक प्रतिष्ठात्मक है। ऑपरेशन का मॉडल है पी.पी.पी. (सार्वजनिक और निजी भागीदारी) । इसका ऑपरेटर का नाम "हैदराबाद मेट्रो रेल लिमिटेड" या एच.एम.आर.एल. है।

 

    हैदराबाद मेट्रो का उद्घाटन प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 28 नवंबर, 2017 को किया । अभी तो केवल दो लाइनों पर मियापुर से नागोल के बीच (22 मध्य स्टेशनों के साथ) रेल चल रही हैं। इसकी लंबाई है 30 किमी ।  तीन रूटों पर कुल लंबाई होगी 66.5 किमी । कुलमिलके 64 स्टेशनों की योजना बनाई गई है। अगले चरण में 97 किमी लंबाई के लाइनें भी लागू किए जाएंगे । हर एक लाइन पर दो ट्रैक हैं, दोनों तरफ आने जाने के लिए। ओवरहेड 25 kV. विद्युत से ये ट्रेन चलते हैं ।

 

    एल.एंड.टी. मेट्रो रेल हैदराबाद लिमिटेड या एल.टी.एम.आर.एच.एल ने मेट्रो के मार्ग बनाये । इंजन और कोच दक्षिण कोरिया से आयात किए गए हैं। एच.एम.आर.एल. का एक शुभंकर भी है,  इसे निज कहते हैं।  अभी तो  लाल,  हरे और नीले लाल रंग के तीन मार्गों पर ट्रेन चालू हैं । लाल रेखा मियापुर से एल.बी. नगर तक है । यह लगभग 30 किमी का एक खंड है । हरा लाइन सिकंदराबाद में जुबिली बस स्टेशन से लेकर  हैदराबाद में महात्मा गांधी बस स्टेशन तक है ।  यह 10 किमी की लंबाई की है । तीसरी लाइन नागोल और शिल्पारामम के बीच में चलती है। यह लगभग 27 किलोमीटर दूरी की है।

 

   मेट्रो का निर्माण तो 2012 में शुरू हुई । लेकिन परियोजना में बहुत रुकावटें आयीं। खर्चा के अनुमान में बहुत बदलाव हुआ।  करीबन 18 हजार करोड़ रु के खर्चा का अनुमान दिया गया। रोलिंग स्टॉक यानि रेल इंजन और कोच दक्षिणी कोरिया के कंपेनी हुंडाई रोटेम से खरीदे गए । मेट्रो के दूसरे चरण के बाद लगभग 170 कोच होंगे करीबन 50 ट्रेनों में ।

 

    हर ट्रेन की चौड़ाई है 3.2 मी.  और ऊंचाई है 4 मी. । मेट्रो के लाइन सड़कों पर करीब 10 मी. के ऊंचाई पर बनाए गए ।  ये मार्ग चौड़े और मजबूत सिंगल खंबों पर बनाए गए । एल.टी.एम.आर.एच.एल. को इस योजना के लिए SAP ACE पुरसकार भी दिया गया ।

 

मेट्रो से उपयोग

   हैदराबाद मेट्रो से शहर का प्रतिष्ठा और छाप बढ़ेंगे।  इस से सभी लोगों को फाइदा होगा । कार्यालय, मार्केट, स्कूल और कॉलेज जाने वाले लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है। और शहर के बाहर रेल से जाने वालों के लिए मेट्रो एक बढ़िया तारीक होगा स्टेशन तक जाने का । इस से शहर में प्रदूषण कम होने की आशा है । और यात्रा जल्द भी होगा क्योंकि यात्रा में रुकवटें नहीं होंगी । मेट्रो सुरक्षित और सुखी परिवहन साधन है । मेट्रो परियोजना से शहर में रोजगार पैदा हुआ और शहर के अर्धव्यावस्था में सुधार भी हो सकता है । लोगों के लिए मेट्रो मार्ग पर बैठने और शहर के दृश्य दर्शन करने के प्रबंध भी किए जाएंगे। हरे पौधे और हरियाली भी लगाए जाएंगे रास्ते पर ।

  

    एच एम आर एल एक सफल परियोजना है । लोग इस से खुश हैं । लेकिन शायद टीकेट थोड़ा ज्यादा है ।  मेट्रो का पहले चरण का एक चित्र नीचे देख सकते हैं । और मेट्रो के शुभंकर “निज” का भी ।
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kvnmurty: :-)
Answered by Anonymous
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Answer:

हैदराबाद मेट्रो रेल हैदराबाद के लिए एक तेजी से पारगमन प्रणाली है।

यह सिक्वेल ऑपरेशनल मॉडल में है। इसे पूरी तरह से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर लागू किया जा रहा है, जिसमें राज्य सरकार अल्पसंख्यक इक्विटी हिस्सेदारी रखती है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 नवंबर 2017 को मियापुर से नगोल तक 30 किमी की दूरी का उद्घाटन किया।

पहले चरण के 30 किमी लंबे मार्ग पर 24 स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें हैदराबाद के व्यस्ततम इलाके जैसे राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, उस्मानिया विश्वविद्यालय, सिकंदराबाद जंक्शन आदि आते हैं।

30 किमी की लंबी दूरी पर सार्वजनिक संचालन के लिए कोई अन्य तेजी से ट्रांजिट मेट्रो सेवा नहीं खोली गई।

दिल्ली मेट्रो के बाद हैदराबाद मेट्रो भारत का दूसरा सबसे लंबा परिचालन मेट्रो नेटवर्क है।

एक बार अमीरपेट -एलबी नगर मेट्रो रूट 24 सितंबर 2018 को खुला है।

यह देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक-निजी भागीदारी की परियोजना है और इसकी लागत करीब 15,000 करोड़ रुपए है। 72 किलोमीटर के क्षेत्र में बनने वाला यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा।

धन्यवाद

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