Hindi, asked by jagbir2929, 10 months ago

Mhuhavra sa bani kahani class 8​

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Answered by shinchan1296
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Explanation:

एक बार मोहन घर से चंपत हो गया , और उसके दोस्तों ने जब पूछा गया तब सब ने मुंह नहीं खोला |  सारे दोस्त बाते बनाने लगे गए | आस-पास के पड़ोसी  नमक-मिर्च लगा कर बाते करने लग गए | और जितने मुंह, उतनी बातें होनी लग गई |  मोहन का परिवार तितर-बितर हो गया | मोहन के पिता ने उसकी परवरिश में  जी-जान से जुट लगा थी | मोहन का कुछ पता नहीं चला और  उनकी हालत आसमान से जमीन पर गिरना जैसी हो गई |  मोहन अपनी घर का मोर्चा सँभालना नहीं संभाल सका |  मोहन ने अपने पैर में खुद कुल्हाड़ी मार दी| अब मोहन पड़ोस में किसी को शक्ल दिखाने लायक नहीं रहा | मोहन के माता-पिता ने इस दुःख को आँसू पीकर बर्दाश्त कर लिया |  अब सब को मोहन एक आँख नहीं भाता| मोहन के माता-पिता अकेले की कमर टूट गई | सारे लोग मोहन के माता-पिता के बारे में कीचड़ उछालने लग गए |

एक दिन मोहन घर वापिस घर आया मोहन को देखकर उसके माता-पिता साँस रोक दी|

मोहन उनके सामने पानी–पानी हो गया था | मोहन के पिता ने कहा यह वापिस आ गया अब फिर से दिनों का फेर होगा | मोहन तुम्हें सब कुछ , सारे सपने आँखों से ओझल कर दिए | अब क्या लेने आए हो वापिस | पिता जी मुझे माफ़ कर दो | मैं बहुत शर्मिदा हूँ |

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Answered by sj4362860
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Answer:

दिल्ली के बड़े शहर में दो चोर रहते थे- राम और मोलू। वे दोनों चोरी बहुत अच्छी तरह से करते थे। कभी भी कोई उनको पकड़ नहीं सका। रामू बहुत बुद्धिमान था और मोलू किताब का कीड़ा था। रामू बहुत मोटा था। हमेशा उसके पेट में चूहे कूदते रहते थे।

एक दिन वे दोनों सड़क पर चल रहे थे। जब दोनों ने एक बड़े घर को देखा। तो वे आश्चर्य चकित होकर उस घर को देखते रह गए। मोलू ने राम से कहा,"चलो रामू, रात में आकर घर के अंदर घुसकर कुछ न कुछ चोरी करेंगे।" रामू ने मोलू से कहा," नहीं, यहाँ घर के बाहर सिक्यूरिटी कैमरा है, हम ज़रूर पकड़े जाएंगे।" मोलू ने शान्ति से कहा," मैं कुछ बाल बाँका नहीं होने दूँगा। हम सिक्यूरिटी कैमरे से छुपकर घर में जा सकते हैं।" राम ने कहा," ठीक है, पर इससे बेहतर है कि हम "आ बैल मुझे मार" वाली बात न करें इसलिए हम पहले योजना बनाएंगे।

रात के १२:०० बजे गए थे। दोनों घर के बाहर छुप गए थे। घर के बाहर एक सिक्यूरिटी गार्ड घोड़े बेचकर सो रहा था। राम ने धीरे से सिक्यूरिटी कैमरे पर एक काला कपड़ा डाला, फिर वह और मोलू घर के अंदर घुस गए।

घर के अन्दर जाकर दोनों ने देखा कि सारे वस्त्र सोने के थे। धीरे-धीरे से दोनों ने कुछ-कुछ चीज़ें अपने थैलों में डाल लीं। राम और मोलू दूसरी-दूसरी जगह अथवा कमरे में चोरी कर रहे थे। राम टी.वी. रूम में था और मोलू रसोईघर में । खाने की चीज़ें देखकर उसे भूख लग रही थी। तो उसने एक बड़ी-सी रोटी खाई। पर यह रोटी ऊँट के मुँह में जीरा जैसे थी। तो जल्दी से उसने चार और रोटियाँ खाईं। इसी वक्त राम रसोईघर के अंदर आया और उसके थैले में बहुत कुछ था। पर खाना देखकर उसके भी मुँह में पानी भर आया। तो उसने खाना खाकर रसोईघर के मूल्यवान चाकू भी चुरा लिए। उसके बाद वह मोलू के साथ धीरे से दरवाज़े के घर से बाहर जाने लगे थे।

मोलू का पेट भर गया था और तभी अचानक उसे डकार आया। डकार की आवाज़ इतनी ज़ोरदार थी कि मालिक झट से बाहर आया। पर वे दोनों अलमारी में छुप गए थे। मालिक ने ज़ोर से पुकारा," कौन है?" रामू और मोलू चुपचाप से अलमारी में बैठे रहे। दोनों का कलेजा दहल रहा था। थोड़ी देर बाद इधर-उधर देखकर घर का मालिक वापिस सोने चला गया। राम और मोलू ने धीरे से अलमारी का दरवाजा खोला और घर के दरवाजे से धीरे से बाहर निकल गए।

उसके बाद तो गेट के बाहर जाना बाँए हाथ का खेल था। दोनों आसानी से सिक्यूरिटी गार्ड के पास से गुज़रे। सब ठीक-ठाक हुआ सिवाए एक बात के कि सिक्यूरिटी कैमरे से उन्होंने अपना कपड़ा नहीं उठाया। वे इस बात को बिल्कुल भूल गए। दोनों ने घर जाकर खुशियाँ मनाईं। तभी राम को कैमरे से कपड़ा न उठाने वाली बात याद आई। मोलू ने समाचार चैनल देखा और सुना कि टाइम्स नौ पर अरूनाभ गोस्वामी उनके बारे में ही बात कर रहा था। उनकी उंगुलियों के निशान कपड़े पर थे। यह सुनकर दोनों फूट-फूट कर रोए। थोड़ी देर बाद पुलिस ने उनके घर आकर दोनों को पकड़ लिया। अन्त में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। सबको पता चल गया कि वे ही दोनों चोर थे।

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