Mind map of chapter harihar kaka hindi class 10.
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हरिहर काका पाठ सारांश :
हरिहर काका’ नामक कहानी ‘मिथिलेश्वर’ द्वारा लिखी गई है | हरिहर काका कहानी में जीवन में रिश्ते नाते केवल पैसों पर टिके होते है। हरिहर काका कहानी से समाज में मतलबी और धोखा पन पहलुओं की और ध्यान आकर्षित करती है |
कहानी में हरिहर काका अकेले थे | उनकी कोई संतान नहीं थी | वह अपने भाइयों के साथ रहते थे | हरिहर काका के पास बहुत संपति थी | उनके परिवार वाले स्वार्थ के कारण , उनके साथ परिवार के साथ रहते थे |
हरिहर काका पाठ के माध्यम से लेखक ने संयुक्त परिवारों के बारे में जो कुछ बताया है , वह सच है संपति के पीछे अपने-अपने ही दुश्मन बन कर रह जाते है| जमीन के पीछे लोग अपने खूनी रिश्तों को भूल जाते है और दुश्मन बन जाते है |
हरिहर काका कहानी से समाज में मतलबी और धोखापन पहलुओं की और ध्यान आकर्षित करती है| हमें यह देखने को मिलता है, जीवन में रिश्ते नाते केवल पैसों पर ही टिके होते है। व्यक्ति को कभी भी अपनी संपत्ति अपने जीते जी अपनी संतान के नाम नहीं करनी चाहिए ।