Hindi, asked by akegfcgh, 1 year ago

mira ke bhakti bhavana par parkash dale

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Answered by mchatterjee
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मीरा की भक्ति की तुलना संसार में किसी की भी भक्ति से नहीं की जा सकती क्योंकि मीरा अपने पति को अल्पायु में खोने के बाद मात्र कृष्ण प्रेम में ही रत थी।

मीरा कृष्ण की भक्ति से बढ़कर ‌‌‌औ कुछ नहीं समझती थी संसार में। उसे न तो लोक लाज की चिंता और न ही बदनामी की।

वह जानती थी कि कृष्ण का प्रेम का रंग इतना गहरा है कि वह सबको उस रंग में डूबो लेता है। मीरा कृष्ण को ही अपना पति , अपना गुरु, अपना मित्र अपना सबकुछ मानती थी।

इस बात के लिए उन्हें काफी बदनामी भी सहनी पड़ी ।उनके खुद‌ के देवर ने उन्हें विष देने का प्रयास किया था मिनरल कृष्ण की भक्ति में रत मीरा को विष का प्याला भी कुछ नहीं कर पाया।
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