Hindi, asked by SaiAliva, 1 year ago

Mithi Vani ka mahatva paragraph writing for class 6

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Answered by Priatouri
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                                      मीठी वाणी का महत्व

जीवन में वाणी का बहुत महत्व है I वाणी में अमृत भी है और वाणी में विश्व भी है I हमारी वाणी जितनी मीठी होगी हम सबके उतने ही प्रिय होंगे क्योंकि मीठी वाणी ही हमारे चरित्र का परिचय देती है I अगर हमारी वाणी मीठी होगी तो लोग हमारी इज्जत करेंगे और मान सम्मान देंगे।  मिट्ठी वाणी के सन्दर्भ में कबीर दास जी ने एक दोहा भी लिखा हैं जो इस प्रकार है:

दोहा -ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय।

अथार्थ - ऐसी वाणी में बात करो की औरों के साथ-साथ स्वयं के मन को भी खुशी मिले।

Answered by madhusri378
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Answer:

गुरबानी में मधुर वाणी का महत्व भी बताया गया है। कोई आश्चर्य नहीं कि गुरबानी में मीठे भाषण को "जादू मंत्र" के रूप में स्वीकार किया जाता है।गुरु जी कहते हैं कि उन्हें वे लोग पसंद हैं जो हमेशा मधुर और मधुर बोलते हैं, क्योंकि गुरबानी अपने आप में मधुरता और प्रेम से भरी होती है। "मिथ बोला जी हर सज्जन सुमी मोरा।" क्रोध और कटु वचनों के लिए कोई स्थान नहीं। मीठे बोल सभी के लिए दिव्य हैं। मिठास हमेशा दया, उदारता, करुणा, सम्मान, आराम और शांति का प्रतिनिधित्व करती है। दूसरी ओर, कठोर शब्द हमेशा छेद, नाखून और निशान की तरह होते हैं जो लंबे समय तक चलते हैं और कभी नहीं भूलते। कठोर वचन हमेशा नकारात्मकता, पीड़ा और पीड़ा उत्पन्न करते हैं। इसका आपके शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।मीठी वाणी सफलता के द्वार खोल देती है और और तमाम उलझनों को सुलझा देती है। इसके उलट कर्कस वाणी से समस्याएं और गहराने लगती हैं। बने-बनाए काम बिगड़ने लगते हैं। इसलिए हमें सदैव मधुर वाणी को आत्मसात करना चाहिए|

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