Hindi, asked by amalmakkar7783, 1 year ago

Mitr ki dadi ke nidhan par satavna patra

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Answered by anshuthetharbasna
56

बी-556 सेवानगर,

गुजरात।

दिनांक 26 मार्च, 20XX

परम प्रिय मित्र,

नमस्कार।

मुझे माताजी के आकस्मिक निधन की सूचना प्राप्त हुई। इस सूचना से मेरे हृदय में तीव्र आघात हुआ हैं, मेरी आँखों के आगे से माताजी की सूरत नहीं हट रही हैं। उनकी सौम्य ममता मुझे रुला रही हैं। मैं समझ सकता हूँ कि दुःख की इस घड़ी में तुम्हारे ऊपर क्या बीत रही होगी।

मित्र, मृत्यु पर किसी का वश नहीं चला हैं, क्योंकि यह एक कटु सत्य हैं कि जो इस संसार में आया हैं, उसे एक दिन यहाँ से जाना ही हैं। माता जी की मृत्यु अपूरणीय क्षति हैं। भगवान दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे।

मित्र, दुःखों का जो पहाड़ तुम पर टूटा हैं, भगवान तुम्हें उसे सहन करने की शक्ति दे। मेरी सहानुभूति तुम्हारे साथ हैं।

तुम्हारा मित्र,

सुनील सोनकर

Answered by bharatpuri
16

Answer:thanx for the answer

I am very thankful to you

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