Mitra ke dadaji ki Mrityu par samvedna prakat karne ke liye Apne Mitra ko Patra likhe
Answers
Explanation:
गुवाहाटी
15 अप्रैल 2003
प्रिय सखी,
हार्दिक प्यार ।
इस पत्र के द्वारा मैं उस दुख को व्यक्त करने में असमर्थ हूँ जो तुम्हारे पिताजी की परलोक प्राप्ति का समाचार जानकर हुआ है । उनकी उम्र अभी देहांत की नहीं थी किन्तु ईश्वर की इच्छा को भला कौन जान सकता है ।
पिछली छुट्टियों में जब मैं तुम्हारे घर आयी थी, तब उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता था कि वे अस्वस्थ हैं । मुझे भी वे अपनी बेटी जैसा ही स्नेह देते मुझे अच्छी तरह मालूम है कि पिताजी के देहांत के बाद माताजी और तुम अपने-आप को अकेली महसूस कर रही होगी, लेकिन विपत्ति के समय सांत्वना से अधिक हिम्मत की जरूरत होती है ।
परम-पिता परमात्मा से मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्हंति और तुम्हें इस कठोर समय का सामना करने का साहस प्रदान करें । स्वयं को अकेली न समझना । मैं शीघ्र ही पहुँच रही हूँ ।तुम्हारी सखी
‘ब’
Answer:
दादा जी मृत्यु का पत्र छटटी माफ करने एक पत्र