mitrata Vishay par 250 Shabd Mein nibandh likhiye
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दोस्ती दो लोगों के बीच में एक समर्पित रिश्ता होता है जिसमें एक-दूसरे के लिये बिना किसी इच्छा और गलतफहमी के दोनों के पास प्यार, देखभाल और लगाव होता है। आमतौर पर दोस्ती एक जैसे पसंद, एहसास, और विचारों को रखने वाले के मध्य में होती है। ऐसा माना जाता है कि मित्रता में उम्र, लिंग, पद, जाति, धर्म और संप्रदाय की कोई सीमा नहीं होती लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि आर्थिक अंतर और दूसरे भेद दोस्ती को खराब कर देते हैं। इसलिये ऐसा कहा जा सकता है कि सच्ची मित्रता एक जैसे दिमाग और समान हैसियत वाले लोगों के बीच में संभव है।
इस दुनिया में बहुत सारे दोस्त हैं जो समृद्धि के समय हमेशा एक-साथ रहते हैं लेकिन सच्ची, समझदार और भरोसेमंद दोस्ती वो है जो मित्र के बुरे समय में भी साथ रहे। हमारा बुरा समय हमें अच्छे और बुरे दोस्तों की पहचान करा देता है। स्वाभाव से हरेक को पैसे का आकर्षण होता है लेकिन सच्चे मित्र हमें कभी भी बुरा एहसास नहीं करवाते जब हमें पैसे या किसी सहायता की जरुरत होती है। हालांकि, कई बार दोस्तों से पैसा उधार लेना मित्रता को खतरे में डाल देता है। दोस्ती किसी भी समय दूसरों या खुद से प्रभावित हो सकती है इसलिये हमें इस रिश्ते में संतुलन बना कर चलना चाहिये।
कई बार मित्रता खुद के अहम् या आत्म-सम्मान के कारण टूट जाती है। सच्ची दोस्ती में उचित समझ, संतुष्टि, मदद करने की भावना तथा भरोसा होना चाहिये। सच्चे दोस्त कभी शोषण नहीं करते बल्कि जीवन में सही कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। लेकिन कई बार कुछ झूठे और मक्कार दोस्तों की वजह से दोस्ती का मतलब पूरी तरह से बदल जाता है जो हमेशा किसी दूसरे का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग तुरंत दोस्त बनाना चाहते हैं और स्वार्थ की पूर्ति होते ही दोस्ती को खत्म कर देते हैं। दोस्ती के बारे में कुछ भी गलत कहना मुश्किल है लेकिन ये सत्य है कि किसी भी बेपरवाह इंसान को दोस्ती में ठगा जा सकता है। आज के दिनों में, अच्छे और बुरे लोगों के भीड़ के बीच में अच्छी दोस्ती मिलना बहुत कठिन है लेकिन अगर किसी के पास सच्चा दोस्त है तो उससे ज्यादा भाग्यशाली इस दुनिया में कोई नहीं है।
सच्ची दोस्ती इंसान की इंसान के साथ और इंसान की जानवर के साथ भी हो सकती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अच्छा मित्र हमारे जीवन के खराब दिनों में मदद करता है। दोस्त हमेशा हमें खतरों से बचाता है साथ ही समय से सलाह भी देता है। सच्चे दोस्त हमारे जीवन की संपत्ति के समान है क्योंकि वो हमारे दुख, दर्द और सच्चाई को हमसे बाँटते हैं और हमें खुश रखते हैं।
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Explanation:
जीवन में प्रगति करने और उसे सुखमय बनाने के लिए अनेक वस्तुओं और सुख साधनों की आवश्यकता पडती है। परंतु एक साधन मित्रता के प्राप्त होने पर सभी साधन अपने आप ही इकट्ठे हो जाते हैं। एक सच्चे मित्र की प्राप्ति सौभाग्य की बात होती है। मित्र वह व्यक्ति होता है जिसे कोई पसंद करे, सम्मान करे और जो प्राय: मिले।
मित्रता वह भावना होती है जो दो मित्रों के ह्रदयों को जोडती है। एक सच्चा मित्र नि:स्वार्थ होता है। वह जरूरत पड़ने पर अपने मित्र की हमेशा सहायता करता है। एक सच्चा मित्र अपने मित्र को हमेशा उचित कार्य करने की सलाह देता है। लेकिन इस विश्व में सच्चे मित्र को ढूँढ़ पाना बहुत कठिन है।
उपसंहार : मित्रता एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे किसी अन्य रिश्ते से नहीं तोला जा सकता है। अन्य रिश्तों में हम शिष्टाचार की भावना से जुड़े होते हैं लेकिन मित्रता में हम खुले दिल से जीवन व्यतीत करते हैं। इसी वजह से मित्र को अभिन्न ह्रदय भी कहा जाता है।
लोगों को हमेशा यही कामना होती है कि उनकी मित्रता उम्र भर चलती रहे जिंदगी में कभी भी ऐसा पल न हो जिसकी वजह से हमारी दोस्ती में कमी आये। मित्रता में हमेशा मित्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना की जाती है। मित्रता वह खजाना होता है जिससे व्यक्ति किसी भी प्रकार की अच्छी वस्तु प्राप्त कर सकता है।
इस खजाने में केवल सदगुण-ही-सदगुण मिलते हैं। जीवन में हमेशा मित्रता परखने के बाद ही करनी चाहिए। मित्रता केवल पहचान होने से नहीं होती है मित्रता की सुदृढ नींव केवल तभी पडती है जब मित्र की धीरे-धीरे परख की जाती है। जीवन में आवश्यकता के अनेक रूप होते हैं और सच्चा मित्र उन्हें अनेक रूपों में मित्र की सहायता करता है। सच्चा मित्र हमेशा हितैषी होता है।
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