Hindi, asked by Debangana1658, 9 months ago

mobile phone aur vidyarthi essay

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Answered by rkharb5211
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Answer:

मोबाइल फोन वर्तमान युग की महती आवश्यकता बन चुका है| एक दशक पूर्व किसी को भान भी नही था कि ये इस तरह मानव के लिए रोजमर्रा की अनिवार्यता बन जायेगा| आज हर आयुवर्ग के हाथ में मोबाइल है| कितना आसान बना दिया है इसने सभी के जीवन को ! पुराने फोन की तरह मोबाइल का उपयोग सिर्फ आवाज सुनने तक ही सीमित नहीं है| इसके बहुमुखी उपयोग है| इसके द्वारा मेसेज का आदान-प्रदान , संगीत सुनना, खेल खेलना, गणना करना, अलार्म घड़ी व टार्च का उपयोग करना जैसे असंख्य उपयोग शामिल है| ये समय बिताने का सर्वोत्तम साधन है| इसे कभी भी कहीं भी ले जाया जा सकता है|

वर्तमान के प्रतिस्पर्धात्मक युग में विभिन्न कम्पनियां आकर्षक लुभावने प्रस्तावों द्वारा इसका खूब प्रचार-प्रसार कर रही है मोबाइल प्रत्येक वर्ग का साथी बन चुका है| व्यापारीवर्ग, कृषि जगत, अन्य उद्यमों के लिए वरदान सरीखा होने के साथ ही विद्यार्थी वर्ग के लिए भी यह सहयोगी की भूमिका निभा रहा है| इंटरनेट के प्रयोग से ज्ञान का अथाह सागर एक क्लिक पर उपलब्ध है| इससे बड़ा उदहारण क्या होगा कि आजकल डिक्शनरी सिर्फ अलमारी में सिमट गई है| नए विद्यार्थी तो जानकर आश्चर्य करेंगे कि पूर्व पीढ़ी के विद्यार्थी गणित की गणना कागज पेन पर करते थे, कठिन शब्दों के अर्थ शब्दकोश में देखते थे और नोट्स बनाने के लिए पुस्तकालय से अतिरिक्त पुस्तके लेते थे|इ –लर्निंग ने ज्ञान व रोजगार के नये माध्यम खोल दिए है| कोई भी कहीं से भी कभी भी किसी से सम्पर्क साध कर उचित पारिश्रमिक देकर ज्ञानार्जन कर सकता है|

जिस तरह मोबाइल के अनेक फायदे हैं उसी तरह इसके असीमित व अनियंत्रित प्रयोग के भयावह नुकसान भी है| वर्तमान में माता-पिता दोनों की अति व्यस्तता बच्चो में मोबाइल की लत विकसित कर रही है| न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य व समय को चोपट कर रही है वरन उनके बाल मस्तिष्क को विकृत कर रही है| इंटरनेट के द्वारा मोबाइल पर अश्लील वीडियोज आसानी से उपलब्ध है जो किशोरों को समय से पूर्व प्रतिबंधित दृश्य दिखाकर पथभ्रष्ट करने के लिए पर्याप्त है| अखबारों में नित्य ऐसी घटनाएँ पढने को मिलती है जो अविश्वसनीय लगती है | बाल अपराधो में आश्चर्यजनक रूप में वृद्धि हुई है| ऐसे दृश्य तेजी से मस्तिष्क को प्रभावित करते है| अवचेतन मन पर अंकित होकर बच्चोंको अपराध करने की दुष्प्रेरणा देते है| विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के खेल और व्यायाम को भूलते जा रहे है| इससे शारीरिक स्वास्थ्य का स्तर गिरता जा रहा है और नवीन बीमारियाँ जन्म ले रही है| मोबाइल ने बच्चो में एकाकी पृवत्ति को बढ़ावा दिया है| सामाजिक सम्बन्ध पहले की तरह मधुर नहीं रहे| अपनी उम्र गलत बताकर फेसबुक पर अकाउंट बनाना विद्यार्थियों के लिए आम बात है| वे वहा पर दोस्ती के नये मायने सीख रहे है जो हमारी संस्कृति के दृष्टिकोण से कतई उचित नहीं है|

उपरोक्त वर्णित विवरण के अध्ययनोपरांत हम ये निष्कर्ष निकाल सकते है कि निसंदेह मोबाइल विद्यार्थियों के लिए एक सहायक की भूमिका निभाता है | पर अति की वर्जना है| इस आयु में नियन्त्रण भी आवश्यक है अत: अभिभावकों को इसका संतुलित उपयोग करने की आज्ञा देनी चाहिए| उन्हें अश्लील साइट्स को प्रतिबंधित करके केवल उपयोगी सामग्री ही अपने बच्चों को उपलब्ध करवानी चाहिए| तभी मोबाइल वास्तविक अर्थों में सहयोगी होगा|

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