molal himan avnaman sthirank
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वह ताप जिस पर किसी द्रव का वाष्पदाब उसकी द्रव एवं ठोस दोनों प्रावस्थाओं के समान हो जाए हिमांक कहलाता है।
या
वह ताप जिस पर किसी द्रव का वाष्प दाब उसकी ठोस प्रावस्था के वाष्पदाब के बराबर हो जाता है हिमांक कहलाता हैं।
हिमांक पर पदार्थ की ठोस प्रावस्था एवं द्रव प्रावस्था साम्य अवस्था में होती हैं।
शुद्ध विलायक का हिमांक निश्चित होता है जैसे शुद्ध जल का हिमांक 0 डिग्री सेल्सियस या 273.15k होता है। जब किसी शुद्ध विलायक में अवाष्पशील विलेय को मिलाया जाता है तो विलायक का वाष्प दाब कम हो जाता है।
अर्थात विलयन का वाष्पदाब शुद्ध विलायक की तुलना में कम हो जाता है , फलस्वरूप विलयन कम ताप पर जमता है अर्थात विलयन के हिमांक में कमी हो जाती है। हिमांक में इस कमी को हिमांक में अवनमन कहते है।
जैसे जल में किसी अवाष्पशील विलेय को मिलाने पर बना विलयन 0 डिग्री से कम ताप पर जमेगा।
शुद्ध विलायक का हिमांक Tf एवं विलयन का हिमांक T हो तो हिमांक में अवनमन निम्न होगा
△Tf = Tf
– T
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