moral spach in hindi
Answers
Answer:
अब समय आ गया है। अपने अंदर झाँकिये और पूछिए की आप अपने सपनो को क्यों पूरा करना चाहते है। अगर आपको जवाब मिल गया तो आप गिरने के बाद बहुत ही अच्छे तरिके से उठेंगे।
कुछ लोग हिम्मत हारकर काम करना बंद कर देते है। आगे बढ़ना बंद कर देते है।
मैं ऐसे लोगो को बता देना चाहता हूँ की सफलता की ओर जाने वाले इस रास्ते पर आप अकेले नहीं है।
आपके साथ एक ओर इंसान है। जो आपकी हर वक्त मदत करेगा। आगे आप चाहेंगे तो वो इंसान है, आप खुद।
एक चीज जो मैंने अपने अनुभव से सीखी है – सफ़लता कभी भी आपको एक झटके में नहीं मिलती, अचानक ही आप अपने सपनों को पूरा नहीं कर सकते, अचानक ही आप अपने रिलेशनशिप्स को नहीं सुधार सकते, अचानक ही आप अपनी फिटनेस को नहीं बना सकते.
आपके पास एक प्लान होना चाहिए, आपको क्या पाना चाहते हैं, आप कहाँ जाना चाहते हैं, वहां तक आप कैसे पहुचेंगे, आपको कौन सा रास्ता पकड़ना पड़ेगा, आपको कितना समय लगेगा और आपको उसके लिए कितनी मेहनत करनी पड़ेगी, ये सब आपको पता होना चाहिए.
पानी हमेशा नीचे की तरफ बहता है पर मजबूत पेड़ हमेशा ऊपर की तरफ बढ़ते हैं . इंसान भी हमेशा ऊपर की तरफ उठना चाहता है, पर सोचिये – नदी में बहते हुए किसी टूटे पेड़ की टहनी के बारे में, वो किस तरफ जा रही होती है, जिस तरफ पानी का बहाव होता है मतलब नीचे की तरफ और अंत में वो कहाँ पहुँचती है वहां जहाँ नदी उसको ले जाती है, पता नहीं उसको कभी किनारा मिलेगा भी की नहीं और अगर मिलेगा भी तो क्या पता वो किनारा कैसा होगा…
जिंदगी भी इस नदी की तरह ही है, अगर आपको नहीं पता है की आपको कहाँ जाना है, आपकी मंजिल क्या है आपका लक्ष्य क्या है तो ये जिंदगी आपको अपने साथ साथ एक ऐसे सफ़र पर बहा ले जाएगी जहाँ ये नहीं पता चलेगा की आप कहाँ पहुंचने वाले हो, कहीं पहुंचोगे भी या नहीं, और अगर कहीं पहुंच भी गये तो किस हालत में पहुंचोगे.
इसलिए जिंदगी में एक सेट टारगेट का होना जरूरी है, बिना टारगेट के हम बहुत जल्दी अपना focus खो बैठते हैं, हर बिज़नस में एक मिशन स्टेटमेंट होता है, ये मिशन स्टेटमेंट बताता है की उस कंपनी का काम क्या है, उसका टारगेट क्या है, कितने समय में उसे वो टारगेट पूरा करना है और किस पोजीशन पर पहुँच कर उसका यह टारगेट पूरा होगा.
बिलकुल ऐसे ही जिंदगी में भी एक मिशन स्टेटमेंट होना चाहिए, हमारा टारगेट क्या है, कितने समय में उसे पूरा करना है और कहाँ पर पहुचने के बाद वो पूरा होगा. ये सब प्लान करना होगा.
समय हमेशा चलता रहता है, जिंदगी आगे बढती रहती है और इसी के साथ हमारे टारगेट्स भी बदलते रहते हैं लेकिन एक बात समझ लो केवल टारगेट्स बदलना और टारगेट्स पूरा होने के बाद बदलना – इन दोनों में जमीन आसमान का अंतर है.
अगर जिंदगी के साथ साथ केवल आपके टारगेट्स बदलते जा रहे हैं तो समझ लो जिंदगी आपको अपने साथ बहा कर ले जा रही है और अगर टारगेट्स पुरे होने के बाद आप अपने नये टारगेट्स सेट कर रहें हैं तो आप जिंदगी को अपने हिसाब से चला रहें हैं.