More example of hasya ras
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i think soit may work .....
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हास्य रस-
जब किसी व्यक्ति या वस्तु की वेशभूषा, वाणी , चेष्ठा, आकर इत्यादि में आई विकृति को देखकर सहज हँसी आ जाए तब वह हास्य रस होता है। स्थायी भाव है = हास और आलम्बन विकृत वस्तु अथवा व्यक्ति है |
हास्य रस के उदाहरण :-
1. बन्दर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा।
बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥
2. नाना वाहन नाना वेषा ।
बिहसे सिव समाज निज देखा । ।
3. मतहिं पितहिं उरिन भये नीके।
गुरु ऋण रहा सोच बड़ जी के।।
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