mudra rahit vinimay mei takneek ka prayog aur ishme shavdhniyaii in hindi
Answers
Answer:
मुद्रा रहित विनिमय और इसमें तकनीक का प्रयोग
मुद्रा रहित विनिमय से तात्पर्य नकद रहित आर्थिक लेनदेन से होता है। इस प्रकार के लेनदेन में विक्रेता को वस्तु के बदले नकदी का भुगतान नही किया जाता है बल्कि किसी डिजिटल सेवा के माध्यम से भुगतान किया जाता है, जो कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट, चेक आदि हो सकता है।
मुद्रा रहित विनिमय में निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए ...
हमेशा अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की पिन गोपनीय रखना चाहिए।
हमेशा मान्य और भरोसेमंद मोबाइल ऐप ही भरोसेमेंद स्राेत से डाउनलोड करना चाहिए, जैसे कि गूगल प्ले स्टोर।
अपना मोबाइल किसी भी अनजान व्यक्ति को नहीं देना चाहिए।
एटीएम से भुगतान करते समय पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए कि आपका पिन नं. किसी को पता न चले।
चेक से भुगतान करने समय संबंधित व्यक्ति का नाम जरूर लिखना चाहिये और सही शब्दों में राशि भरें।
मुद्रा विहीन लेन-देन की अपनी सीमा और इनमें में कुछ कठिनाइयां भी हैं...
अशिक्षित वर्ग — जो व्यक्ति कम पढ़े लिखे होते हैं उन्हें मुद्रा-विहीन लेन-देन करने में दिक्कत आती है या तो उनके पास स्मार्टफोन नहीं होते या भली-भांति चलाना नही जानते और साथ वे तकनीक को समझ नहीं पाते हैं।
बैंकिंग आदतों में कमी — विकासशील देशों में नकद भुगतान का प्रचलन अधिक है और तकनीक का उपयोग कम करने की प्रवृत्ति है।
धोखाधड़ी की आशंका — अक्सर तकनीक लेन-देन में धोखाधड़ी होने की आशंका के कारण लोग इससे बचना साथ चाहते हैं।
बैंकिंग सुविधाओं का सीमित विस्तार — कुछ बैंक अपनी सुविधाओं का विस्तार नहीं कर पाते और कोई तकनीकी समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत समाधान नहीं कर पाते। इस कारण भी लोग इससे दूर हो जाते हैं।
फिर भी आजकल तकनीकी क्रांति वाले समय में मुद्रा विहीन लेन-देन एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है और आने वाले समय में इसका पूर्ण रूप से उपयोग हो जाना निश्चित है। क्योंकि इससे समय और धन की बचत होती है। श्रम की बचत होती है। अधिक मुद्रा नहीं छापनी पड़ती जिससे कागज की बचत होती है, तो पर्यावरण पर कम दवाब पड़ेगा। धन चोरी होने की आशंका की संभावना कम हो जाती है और पैसे का लेनदेन एकदम पारदर्शी होता है। कर चोरी जैसे प्रवृत्तियों पर अंकुश लगता है।