muhavra on kaan mai ras gholna
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Ek dusre ki chugli karna
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कान पर उनके अर्थ सहित दस मुहावरे
कान पकड़ना = माफी मांगना, किसी गलती को न दोहराने का वचन देना।
कानों-कान ख़बर न होना = किसी को पता न चलना।
कान का कच्चा = शक्की स्वभाव का होना।
कान में रस घोलना = मधुर गीत-संगीत सुनकर दिन खुश हो जाना।
कान पर जूँ न रेगना = किसी बात की परवाह न करना।
कान में तेल डालना = किसी बात को अनसुनी कर देना।
कान खड़े होना = सावधान/चौकन्न हो जाना।
कान भरना = किसी के खिलाफ किसी के मन में कोई बात बैठा देना।
दीवारों के कान होना = किसी गुप्त बात की चर्चा सावधानी से करना।
कान कतरना = बहुत चतुर होना।
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