Hindi, asked by Anonymous, 10 months ago

mukhya Ke Do anekarthi shabd​

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Anekarthi shabd-(अनेकार्थी शब्द)की परिभाषा

ऐसे शब्द, जिनके अनेक अर्थ होते है, अनेकार्थी शब्द कहलाते है।

दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें 'अनेकार्थी शब्द' कहते है।

अनेकार्थी का अर्थ है – एक से अधिक अर्थ देने वाला।

भाषा में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है, जो अनेकार्थी होते हैं। खासकर यमक और श्लेष अलंकारों में इसके अधिकाधिक प्रयोग देखे जाते हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-

''करका मनका डारि दैं मन का मनका फेर।'' (कबीरदास)

''रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चुन।'' (रहीम)

''चली चंचला, चंचला के घर से, तभी चंचला चमक पड़ी।''

उपर्युक्त उदाहरणों में प्रयुक्त शब्दों के अर्थ देखें:

मनका- माला के दाने, मन (चित्त) का

पानी- चमक (मोती के लिए)

इज्जत (मानव के लिए)

जल (चूना, आटे के लिए)

चंचला- लक्ष्मी, स्त्री, बिजली

यहाँ कुछ प्रमुख अनेकार्थी शब्द दिया जा रहा है।

( अ, आ )

अपवाद- कलंक, वह प्रचलित प्रसंग, जो नियम के विरुद्ध हो।

अतिथि- मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, अग़्नि, राम का पोता या कुश का बेटा।

अरुण- लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, इत्यादि ।

आपत्ति- विपत्ति,एतराज।

अपेक्षा- इच्छा, आवश्यकता, आशा, इत्यादि।

आराम- बाग, विश्राम, रोग का दूर होना, निरोग होना।

अंक- भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक, चिन्ह संख्या, गोद।

अंबर- आकाश, अमृत, वस्त्र।

अनंत- आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग।

अर्थ- मतलब, कारण, लिए, भाव, हेतु, अभिप्राय, धन, आशय, प्रयोजन।

अवकाश- छुटटी, अवसर, अंतराल

आम- आम का फल, सर्वसाधारण, रंज, मामूली, सामान्य।

अन्तर- शेष, दूरी, हृदय, भेद।

अधर- धरती (आकाश के बीच का स्थान), पाताल, नीचा, होंठ।

अर्क- इन्द्र, सूर्य, रस, अकबन।

अंकुर- कोंपल, नोंक, सूजन, रोआँ।

अंकुश- रोक, हाथी को वश में करने का लोहे का छोटा अस्त्र।

अंजन- काजल, रात, माया, लेप।

अंश- हिस्सा, कोण का अंश, किरण।

अंत- मरण, अवसान, सीमा।

अनन्त- आकाश, अन्तहीन, विष्णु।

अच्युत- कृष्ण, स्थिर, अविनाशी।

अपर- दूसरा, इतर, पंखहीन।

अपंग- अपाहिज, तिलक, नेत्रों के कोने।

अग्र- पहाड़, वृक्ष, अचल।

अग्र- मुख्य, आगे, नोंक, शिखर।

अमृत- सुधा, जल, अमर, सुन्दर।

अन्तर- मध्य, ह्रदय, व्यवधान, भेद।

अज- ब्रह्मा, बकरा, दशरथ का पिता।

अक्ष- आँख, धुरी, आत्मा, पहिया, पासा।

अक्षर- अविनाशी, वर्ण, आत्मा, आकाश, मोक्ष।

अमल- निर्मल, अभ्यास, समय, नशा।

अमर- देवता, पारा, अविनाशी।

अलि- भौंरा, मदिरा, कुत्ता।

अरिष्ट- लहसुन, नीम, कौवा।

अहि- सर्प, सूर्य, कष्ट।

अचल- स्थिर, पर्वत, दृढ़।

अटक- बाधा, भ्रमणशील, उलझन।

अरुण- लाल रंग, सूर्य, सिन्दूर।

आत्मा- प्राण, अग्नि, सूर्य।

आकार- स्वरूप, चेष्टा, बुलाना।

आशुग- वायु, तीर, पत्र।

आली- सखी, पंक्ति।

अधिवास- निवास, पड़ोसी, बस्ती, हठ।

अनल- आग, परमेश्वर, जीव, विष्णु।

अपाय- जाना, लोप, नाश, हानि, उपद्रव।

अभय- निर्भयता, शिव, निरापद।

अभिनिवेश- आग्रह, संकल्प, अनुराग, दृढ़ निश्चय।

अयोनि- अजन्मा, नित्य, मौलिक, कोख।

अशोक- मगधराज, शोकरहित, एक वृक्ष।

आँख- नयन, परख, सन्तान, छिद्र।

आनंद- ख़ुशी, मदिरा, शिव, एक छंद।

आभीर- अहीर, एक राग।

अगज- हाथी से भिन्न, पहाड़ से उत्पन्न।

( इ, उ )

ईश्वर- परमात्मा, स्वामी, शिव, पारा, पीतल।

इतर- दूसरा, साधारण, नीच।

इंगित- संकेत, अभिप्राय, हिलना-डूलना।

इन्द्र- देवराज, राजा, रात्रि।

उत्तर- उत्तर दिशा, जवाब, हल, अतीत, पिछला, बाद का इत्यादि।

उग्र- विष, प्रचंड, महादेव।

उद्योग- परिश्रम, धंधा, कारखाना।

उदार- दाता, बड़ा, सरल, अनुकूल।

( ए, ओ )

एकांत- तत्पर, स्वस्थचित्त।

एकाक्ष- काना, कौवा।

ऐरावती- इरावती नदी, बिजली, वटपत्री।

ओक- पक्षी, शूद्र, मतली, घर, पनाह।

औसत- बीच का, साधारण, दरमियानी

( क )

कर- हाथ, टैक्स, किरण, सूँड़ ।

काल- समय, मृत्यु, यमराज।

कला- अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल।

कर्ण- कर्ण (नाम), कान।

कुशल- खैरियत, चतुर ।

कल- बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, मशीन।

कर्ण- कर्ण (नाम), कान।

काम- वासना, कामदेव, कार्य, पेशा, धंधा।

कनक- सोना, धतूरा, पलाश, गेंहूँ।

कुंद- भोंथरा, एक मूल।

कुल- वंश, सब।

कृष्ण- काला, कन्हैया, वेदव्यास।

केतु- एक ग्रह, ध्वज, श्रेष्ठ, चमक।

कोट- परिधान, किला।

कोटि- श्रेणी, करोड़, गणना।

कंक- यम, क्षत्रिय, युधिष्ठिर।

कंकण- कंगन, मंगलसूत्र, विवाह-सूत्र।

कंटक- घड़ियाल, काँटा, दोष।

कक्ष- कमरा, काँख, लता, रनिवास, बाजू।

कटाक्ष- आक्षेप, तिरछी निगाह, व्यंग्य।

कर्क- केंकड़ा, आग, एक राशि, आईना, सफेद।

काक- कौआ, लँगड़ा आदमी, अतिधृष्ट।

कादम्ब- कदम्ब, ईख, बाण, खट्टी मदिरा।

कृत्स्न- जल, कोख, पेट।

कैरव- कुमुद, कमल, शत्रु, ठग।

केवल- एकमात्र, विशुद्ध ज्ञान।

कंद- शकरकन्द, बादल, मिश्री।

कलत्र- स्त्री, कमर।

केलि- परिहास, खेल, पृथ्वी।

कमल- हिरण, पंकज, ताम्बा, आकाश।

कल्प- सबेरा, शराब।

कक्ष्या- राजा की देहरी, कमरबंद।

कसरत- व्यायाम, अधिकता।

कबंध- जल, बादल, एक राक्षस।

कौरव- धृतराष्ट्रादि, गीदड़।

कम्बल- आँसू, ऊनी वस्त्र, गाय के गले का रास।

कंबु- शंख, कंगन।

कलाप- समूह, तरकश, मोर की पूँछ, चाँद, व्यापार।

कस- बल, परीक्षा, तलवार की लचक।

कान्तार- टेढ़ा मार्ग, वन।

कांड- गुच्छा, दुर्घटना।

काट- द्रोह, आपसी विरोध।

कैतन- ध्वजा, घर, कार्य, आमंत्रण।

कुरंग- हिरण, नीला, बदरंग।

कुंभ- घड़ा, एक राशि, हाथी का मस्तक।

कुटिल- टेढ़ा, दुष्ट, घुंघराला।

कौपीन- लँगोटा, अकार्य, गीद्ध।

कौशिक- विश्वामित्र, नेवला, उल्लू, सँपेरा, इन्द्र।

 

( ख )

खग- पक्षी, तारा, गन्धर्व, जुगनू, बाण।

खर- दुष्ट, गधा, तिनका, कड़ा, तीक्ष्ण, मोटा, एक राक्षस।

खल- दुष्ट, धतूरा, बेहया, धरती, सूर्य, दवा कूटने का खरल।

खैर- कत्था, कुशल।

खंज- खंजन, लँगड़ा

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