Hindi, asked by zoya1131, 1 year ago

mukti ki akanksha kavita ka arth

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Answered by bhatiamona
57

                                       मुक्ति की आकांक्षा

Answer:

मुक्ति की आकांक्षा कविता डॉ. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना कवि द्वारा लिखी गई है |

इस कविता में कवि मुक्ति की आकांक्षा के बारे में कहना चाहते है ,

वो चिड़िया की लाख समझाते है पिंजरे के बाहर,  बहार की  दुनिया अच्छी नहीं है | धरती बहुत दूषित है , बहार की हवा अच्छी नहीं है | चिड़िया तुम्हें बहार खाने ओत पानी के लिए भटकना पड़ेगा और बहार तुम्हें और जानवरों का डर भी है |

लेकिन फिर चिड़िया किसी का डर नहीं है उसे बस अपनी आज़ादी प्यारी है |

खुली हवा में साँस लेना , अपने पंखो से उड़ना | खुले आसमान में उड़ने की इच्छा है| अपनी इच्छा से ऊँची-से-ऊँची उड़ान भरना चाहते है , पेड़ों पर घोंसले बनाकर रहना चाहते है, नदी-झरनों का जल पीना, फल-फूल खाना चाहते है|

Answered by shawrakeshkumar69
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good chapter are their in hindi

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