munshi premchand ki kahanichief ki dawat ka saransh in hindi
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कफन कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद्र जी हैं। कफन कहानी के मुख्य पात्र घीसू हैं। मुंशी जी की अन्य कहानियों की तरह इस कहानी का एक विशेष उद्देश्य है। इस कहानी के विभिन्न अंगों को हम लोग इस प्रकार पढ़ेंगे
कफन कहानी सारांश
कफन कहानी के उद्देश्य
कफन कहानी के नायक घीसू का चरित्र चित्रण
प्रेमचंद की कहानियों की समीक्षा
कफन कहानी सारांश
कफन कहानी के मुख्य पात्र घीसू है। वह परिवारिक मुखिया है। उनके परिवार में कुल 3 सदस्य हैं, उनका पुत्र माधव और बहू बुधिया।
कहानी के दोनो प्रमुख घीसू और माधव आलसी और कमचोर है। घीसू एक दिन काम करता है और तीन दिन विश्राम। माधव भी आधा घंटा काम करता है और घंटा भर चिलम पीता रहता है। गांव में काम की कमी न थी, परंतु उन दोनों को कोई मजदूरी पर नहीं बुलाता था। उनका काम था रात में कहीं से लकड़ी तोड़ लाना, खेतों से गन्ने, आलू या मटर चुरा लाना और वे उसी प्रकार से अपना पेट भरते थे।
इनके पास घर के नाम पर एक झोपड़ी थी और बाकी संपत्ति के नाम पर घर में मिट्टी के दो चार बर्तन थे। फटे पुराने कपड़े पहनकर दिन काट रहे थे। जब बिल्कुल फांके रह जाते तो कोई ना कोई बहाना बनाकर मांग कर खाते थे। जिससे एक बार उधार लिया दोबारा कभी दिया नहीं। कफन कहानी सारांश
यदि कोई मारता पीटता तो उन्हें कोई गम नहीं था। कर्ज से लदे थे तो भी इन्हें कोई चिंता नहीं थी। अभिशाप से घिरकर भी आराम से रह रहे थे।
प्रेमचंद इनकी जीवन शैली पर व्यंग्य करते हुए कहते हैं,
अगर दोनों साधु होते तो उन्हें संतोष और धैर्य के लिए संयम और नियम की बिलकुल जरुरत ना होती
Explanation:
The surface, the locus of all points at the same potential, is known as the equipotential surface. No work is required to move a charge from one point to another on the equipotential surface. In other words, any surface with the same electric potential at every point is termed as an equipotential surface.