Hindi, asked by babbal70, 10 months ago

Murti kis Pathar Ki Bani hui thi class 10th Hindi​

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Answered by adarsh7443c39041
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Answer:

जानते हो..! -- जब " #टाईटेनिक " समुन्द्र मे डूब रहा था तो उसके आस पास तीन ऐसे जहाज़ मौजूद थे जो टाईटेनिक के मुसाफिरो को बचा सकते थे I

सबसे करीब जो जहाज़ मौजूद था उसका नाम " #SAMSON " था और वो हादसे के वक्त टाईटेनिक से सिर्फ सात मील की दुरी पर था I

#सैमसन के कैप्टन ने न सिर्फ टाईटेनिक कि ओर से फायर किए गए सफेद शोले ( जोकि इन्तेहाई खतरे की हालत मे हवा मे फायर किया जाता है) देखे थे, बल्कि टाईटेनिक के मुसाफिरो के चिल्लाने के आवाज़ को भी सुना भी था I

लेकिन #सैमसन के लोग गैर कानूनी तौर पर बहुत कीमती समुन्द्री जीव का शिकार कर रहे थे और नही चाहते थे कि पकड़े जाए लिहाजा वो टाईटेनिक की हालात को देखते हुए भी मदद न करके अपनी जहाज़ को दुसरे तरफ़ मोड़ कर चले गए...

" ये जहाज़ हम मे से उन लोगो कि तरह है जो अपनी गुनाहो भरी जिन्दगी मे इतने मग़न हो जाते है कि उनके अंदर से इन्सानियत का एहसास खत्म हो जाता है और फिर वो सारी जिन्दगी अपने गुनाहो को छिपाते गुजार देते है I

दूसरा जहाज़ जो करीब मौजूद था उसका नाम " #CALIFORNIAN " था जो हादसे के वक्त टाईटेनिक से चौदह मील दूर था, उस जहाज़ के कैप्टन ने भी टाईटेनिक की तरफ़ से मदद की पुकार को सुना..

और बाहर निकल कर सफेद शोले अपनी आखो से देखा लेकिन क्योकि टाईटेनिक उस वक्त बर्फ़ की चट्टानो से घिरा हुआ था I

और उसे उस चट्टानो के चक्कर काट कर जाना पड़ता इसलिए वो कैप्टन मदद को ना जा कर अपने बिस्तर मे चला गया और सुबह होने का इन्तेजार करने लगा I

जब सुबह वो टाईटेनिक के लोकेशन पर पहुचा तो टाईटेनिक को समुन्द्र कि तह मे पहुचे हुए चार घंटे गुज़र चुके थे और टाईटेनिक के कैप्टन #Adword_Smith समेत 1569 मुसाफिर डूब चुके थे I

" ये जहाज़ हमलोगो मे से उनकी तरह है जो किसी की मदद करने अपनी सहूलत और असानी देखते है और अगर हालात सही ना हो तो किसी की मदद करना अपना फ़र्ज़ भूल जाते है I "

तीसरा जहाज़ " #CARPHATHIYA" था जो टाईटेनिक से 68 मील दूर था, उस जहाज़ के कैप्टन ने रेडियो पर टाईटेनिक के मुसाफारो की चीख पुकार सुनी..

जबकि उसका जहाज़ दूसरी तरफ़ जा रहा था उसने फौरन अपने जहाज़ का रुख मोडा और बर्फ़ की चट्टानो और खतरनाक़ मौसम की परवाह किए बेगैर, मदद के लिए रवाना हो गया I

अगरचे वो दूर होने की वजह से टाईटेनिक के डूबने के दो घंटे बाद लोकेशन पर पहुच सका लेकिन यही वो जहाज़ था। जिसने लाईफ बोट्स की मदद से टाईटेनिक के बाकी 710 मुसाफिरो को जिन्दा बचाया था और उसे हिफाज़त के साथ न्यूयार्क पहुचा दिया था I

उस जहाज़ के कैप्टन " #आर्थो_रोसट्रन " को ब्रिटेन के तारीख के चंद बहादुर कैप्टनो मे शुमार किया जाता है और उनको कई समाजिक और सरकारी आवार्ड से भी नवाजा गया था I

याद रखिए!----- हमारी जिन्दगी मे हमेशा मुश्किलात रहती है, चैलेंज रहते है लेकिन जो इस मुश्किलात और चैलेंज का सामना करते हुए भी इन्सानियत की भलाई के लिए कुछ कर जाए उन्हे ही इन्सान और इंसानियत सदैव याद करती है I

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मौजूदा माहौल में हमारे चारो तरफ बड़े पैमाने पर लोगों को मदद की ज़रूरत है I अपनी सामर्थ्य व सुविधानुसार मदद जरूर करें विश्व रूपी टाइटैनिक डूबने से पहले जितनी जिंदगियां हम बचा लेगे वहीं हमारा पुण्य होगा I

Answered by harinandanroy64
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Explanation:

Pahad ke Pathar Se

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