Musibat ma hi mitr ki parakh hoti ha par 350 word
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मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है| वह समाज की इकाई होता है| उससे समाज के प्रति कुछ कर्तव्य निभाने पड़ते हैं तथा समाज के अनेक लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है| आतएव उसके लिए एकाकी जीवन बिताना कठिन बन जाता है| उसे एक अच्छे सहयोगी की जरूरत होती है, जिससे वह विचारों का आदान-प्रदान कर सके| हमें एक आदर्श मित्र मिल जाये तो अपना बड़ा सौभाग्य समझना चाहिए|
मित्र का जीवन में होना अति आवश्यक है| वह जीवन के सुख-दुःख में हमारा साथ देता हैं, हमें बुरे रस्ते से हटाकर अच्छे मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है| वह सत्यवादी, कर्तव्यनिष्ठ, कार्य-कुशल तथा अपने व्यवहार में ईमानदारी होता है| उसमें आडम्बर की भावना नहीं रहती| उसमे दृढ़ निश्चय की भावना रही है| इन सभी गुणों का प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर पड़ता है| अत: हम अपने मित्र के आदेशानुसार ही कार्य करते हैं|
आदर्श मित्र हितैषी होता है| जब हम अपने जीवन में सांसारिक प्रलोभनों में फँस जाते हैं, तब हमारे अज्ञान को दूर करके वह उचित मार्ग-दर्शन द्वारा हमें प्रलोभन से बचाता है| वह जीवनोपयोगी कार्यो में मदद करके हमारे भविष्य को अज्ज्वल बनता है| कभी-कभी वह कटु वचनों या क्रोध का भी प्रयोग हमारे व्यवहार और चाल-चलन में सुधार के लिए करता है| जिस प्रकार कड़वी दवा हमारे स्वास्थ्य में सुधार लाती है, उसी प्रकार उसकी तीखी बातें हमारे दुर्गुणों को दूर कर हम में सुन्दर संस्कार भर देती हैं| आदर्श मित्र सुशील और सच्चरित्र होता है| उसके कार्य-पद्धती का अनुसरण करके हम अपने जीवन के कार्यो को नियमित बनाने हैं, एकाग्रता से कार्य करना सिखाते हैं| आदर्श मित्र के सहयोग से अपने जीवन को सुख और संतोष से भर देते हैं|
आदर्श मित्रों में किसी प्रकार का भेदभाव या ईर्ष्या की कोई बात नहीं रहती| जहाँ अविश्वास होगा, वहाँ मित्रता का निर्वाह नहीं हो सकता| जिस प्रकार आदर्श मित्र हमारे साथ अच्छा व्यवहार करता है, वैसे ही आदर्श मित्र बनने का प्रयास करना चाहिए| अगर मित्रता का प्रयोजन स्वार्थ-साधन हो, तो वह मित्रता अधिक दिन तक नहीं चल सकती| हमारा आदर्श मित्र इन बातों का विशेष ध्यान रखता है| मैं भी आदर्श मित्र बनने का ह्रदय से प्रयास करता हूँ|
मित्र का जीवन में होना अति आवश्यक है| वह जीवन के सुख-दुःख में हमारा साथ देता हैं, हमें बुरे रस्ते से हटाकर अच्छे मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है| वह सत्यवादी, कर्तव्यनिष्ठ, कार्य-कुशल तथा अपने व्यवहार में ईमानदारी होता है| उसमें आडम्बर की भावना नहीं रहती| उसमे दृढ़ निश्चय की भावना रही है| इन सभी गुणों का प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर पड़ता है| अत: हम अपने मित्र के आदेशानुसार ही कार्य करते हैं|
आदर्श मित्र हितैषी होता है| जब हम अपने जीवन में सांसारिक प्रलोभनों में फँस जाते हैं, तब हमारे अज्ञान को दूर करके वह उचित मार्ग-दर्शन द्वारा हमें प्रलोभन से बचाता है| वह जीवनोपयोगी कार्यो में मदद करके हमारे भविष्य को अज्ज्वल बनता है| कभी-कभी वह कटु वचनों या क्रोध का भी प्रयोग हमारे व्यवहार और चाल-चलन में सुधार के लिए करता है| जिस प्रकार कड़वी दवा हमारे स्वास्थ्य में सुधार लाती है, उसी प्रकार उसकी तीखी बातें हमारे दुर्गुणों को दूर कर हम में सुन्दर संस्कार भर देती हैं| आदर्श मित्र सुशील और सच्चरित्र होता है| उसके कार्य-पद्धती का अनुसरण करके हम अपने जीवन के कार्यो को नियमित बनाने हैं, एकाग्रता से कार्य करना सिखाते हैं| आदर्श मित्र के सहयोग से अपने जीवन को सुख और संतोष से भर देते हैं|
आदर्श मित्रों में किसी प्रकार का भेदभाव या ईर्ष्या की कोई बात नहीं रहती| जहाँ अविश्वास होगा, वहाँ मित्रता का निर्वाह नहीं हो सकता| जिस प्रकार आदर्श मित्र हमारे साथ अच्छा व्यवहार करता है, वैसे ही आदर्श मित्र बनने का प्रयास करना चाहिए| अगर मित्रता का प्रयोजन स्वार्थ-साधन हो, तो वह मित्रता अधिक दिन तक नहीं चल सकती| हमारा आदर्श मित्र इन बातों का विशेष ध्यान रखता है| मैं भी आदर्श मित्र बनने का ह्रदय से प्रयास करता हूँ|
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