History, asked by geetashirole888, 3 months ago


muslims in the
army
Shivaji Maharaj​

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Answered by Anonymous
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Answer:

इंटरनेट जनसंचार माध्यान का सबसे नया लेकिन तेजी से लोकप्रिय हो रहा माध्याम है। यह एक ऐसा माध्यान जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, किताब, सिनेमा यहाँ तक कि पुस्तकालय के सारे गुण मौजूद है। इसकी पहुँच दुनिया के कोने-कोने तक है और इसकी रफ्तार का कोई जवाब नहीं है। इसमें सारे माध्यमों का समागम है। इंटरनेट पर आप दुनिया के किसी भी कोने से छपने वाले अखबार या पत्रिका में छपी सामग्री को पढ़ सकते है। इंटरनेट एक विश्वव्यापी जाल है। इसके भीतर करोडो़ पन्नों की सामग्री भरी हुई। इनमें से पलभर में आप अपने मतलब की सामग्री खोज सकते हैं।यह एक अंतरक्रियात्मक माध्यम है अर्थात् इसमें आप मूक दर्शक नहीं हैंै। आप सवाल-जवाब, बहस आदि में भाग ले सकते हैं। चैट कर सकते हैं। यदि आपके मन में हो तो अपना ब्लाग बनाकर पत्रकारिता की किसी बहस के सूत्रधार बन सकते हैं। इंटरनेट ने हमें मीडिया समागम यानी कंवर्जेंस के युग में पहुँचा दिया है और संचार की नई संभावनाएँ जगा दी हैं।इंटरनेट के माध्यम से रेलवे, हवाई अड्डों के कम्प्यूटरों को जोड़ दिया गया है। अब कहीं से भी और घर बैठे भी टिकटों की बुकिंग की जा सकती है। इंटरनेट के माध्यम से आप कहीं का फार्म भर सकते हैं, टेंडर डाउनलोड कर सकते है। अब तो आॅन लाइन का युग आ गया है। कहीं से कोई भी सूचना भी दी जा सकती है। अब तो परिक्षा देने के लिए भी इंटरनेट के प्रयोग का विचार किया जा रहा है।हर माध्यम के कुछ गुण और अवगुण होते हैं। इंटरनेट ने जहाँ पढ़ने-लिखने वालों के लिए तथा शोधकर्ताओं के लिए संभवनाओं के नए कपाट खोल दिए हैं और हमें विश्व का सदस्य बना दिया है, वहीं इसमें कुछ कमियाँ भी हैं। पहली कमी तो यह है कि इसमें लाखों अश्लील पन्ने भर दिए गए हैं जिसका बच्चों के कोमल मन पर बुरा असर पड़ सकता है। दूसरी कमी यह है कि इंटरनेट का दुरूपयोग किया जा सकता है। हाल के वर्षाें में इंटरनेट के दुरूपयोग की कई घटनाएँ सामने आई हैं।

Answered by bhanukeerthimark
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Answer:

yes there were.

Explanation:

in the 17th century thousends of mulims fought for maratha.

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