my favourite hobby essay in hindi
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मेरी रुचि पर निबंध
प्रस्तावना
मनुष्य जीवन अनेक प्रकार की भावनाओं और कल्पनाओं, आशा तथा आकांक्षाओं के भाव आवेगों में झूलता रहता है। दुःख और निराशाओं, संकट और संघर्षों से जूझता-टकराता कभी सुख और दुःख, कभी सफलता और कभी असफलता, कभी लाभ तथा कभी हानि का सामना करना पड़ता है।
शौक
मुझे पढ़ने का बहुत शौक है, चाहे वो अखबार, समाचार, उपन्यास, सामान्य ज्ञान की किताब, अन्य ज्ञानवर्धक किताब हो या फिर किसी अच्छे लेखक द्वारा लिखी कोई किताब हो। मैं अपने खाली समय में अधिकतर कोई भी कहानियों की किताब, समाचार पत्र, मैगजीन और अन्य ऐसे लेखों को पढ़ता हूँ, जिसमें मेरे प्रयोग में आने वाली जानकारीयां उपलब्ध हों। किताबों को पढ़ने की, मेरी इस रुचि पर सबसे पहले मेरे पिता जी ने ध्यान दिया और उन्होंने मुझे यह कहकर प्रोत्साहित किया कि यह बहुत अच्छी आदत है, मेरे बेटे, जो तुम्हें प्राकृतिक रुप से मिली है, अपनी इस आदत को कभी मत जाने देना और हमेशा इसे अपने अभ्यास में रखना। मैं बहुत छोटा बच्चा था, और परियों की कहानी और मेरे माता-पिता द्वारा दी जाने वाली अन्य कहानियों की किताबों को बहुत अधिक रुचि के साथ पढ़ता था।
निष्कर्ष
अब में 10 साल का हूँ और कक्षा 5 में पढ़ता हूँ। अब मुझे वास्तव में, अपने पढ़ने की इस रुचि के लाभ दिखाई देते हैं। इसने मुझे सामान्य ज्ञान के किसी भी विषय पर जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। इस आदत ने मुझे दुनिया के आश्चर्यों, जीव की उत्पत्ति का इतिहास, अंतरिक्ष, पशु, पक्षी, पेड़-पौधे, जलीय जीवों और संसार के बारे में अन्य आश्चर्यजनक चीजों के बारे में जानने में सहायता की है।