(n+l) नियम क्या है ?
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इस नियम के अनुसार संपन्न ऊर्जा के सभी कक्षकों में पहले एक एक इलेक्ट्रॉन जाता है इसके बाद इलेक्ट्रॉन का युग्मन होता है। अलग अलग कक्षकों में इलेक्ट्रॉन जाने से उनमें प्रतिकर्षण कम होता है साथ ही सममितता अधिक होती है जिससे परमाणु अधिक स्थायी होता है।
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(n+l) नियम वह क्रम है जिसमें आवर्त सारणी में क्रमागत परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं।
Explanation:
- इलेक्ट्रॉन ऑर्बिटल्स की ऊर्जा में वृद्धि के क्रम में भरे जाते हैं, सबसे कम ऊर्जा वाले ऑर्बिटल से उच्च ऊर्जा तक।
- शेल को प्रमुख क्वांटम संख्या 'n' द्वारा दर्शाया जाता है।
- नाभिक के निकटतम इलेक्ट्रॉनिक शेल के लिए ऊर्जा सबसे कम होती है,
- जैसे-जैसे कोश नाभिक से आगे और दूर होता जाता है, ऊर्जा बढ़ती जाती है। इस प्रकार इलेक्ट्रॉनों के भरने का क्रम दि है। K → L → M → N
- 'n' में सकारात्मक मान हो सकते हैं जैसे 1, 2, 3, 4 आदि
- इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा 'n' के बढ़ते मान के क्रम में बढ़ती है।
- ऑर्बिटल्स को सहायक क्वांटम संख्या 'l' द्वारा दर्शाया जाता है
- 'l' में शून्य से शुरू होने वाले सकारात्मक अभिन्न मान हो सकते हैं जैसे 0, 1, 2, 3 आदि
- एक शेल के भीतर, ऊर्जा l=0 → l=1 → l=2 → l=3 और इसी क्रम में बढ़ती है।
- दोनों कोश और उपकोश इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा (n+l) के बढ़ते क्रम में बढ़ती है। यह (n+l) नियम है।
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