n of Demand and Su का सिद्धान्त प्रतिपादित किया। इस सि पूर्ति के सिद्धान्त द्वारा निर्धारित होती है। ज की दर निर्धारित हो जाती है। r Capital)-पूँजी की माँग पूँजी क गई माँग से है। ज्यों-ज्यों पूँजी का प्र मादक उस सीमा तक पूँजी का प्रयोग जाएगी। प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के अ दर ऊँची होती है तो पूँजी की माँग क होता है (चित्र 13 में DD वक्र)। apital)-पूँजी की पूर्ति बचत (sar ही किया जाता। बचत की पूर्ति पर reference) आदि वास्तविक तत्वों
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n of Demand and Su का सिद्धान्त प्रतिपादित किया। इस सि पूर्ति के सिद्धान्त द्वारा निर्धारित होती है। ज की दर निर्धारित हो जाती है। r Capital)-पूँजी की माँग पूँजी क गई माँग से है। ज्यों-ज्यों पूँजी का प्र मादक उस सीमा तक पूँजी का प्रयोग जाएगी। प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के अ दर ऊँची होती है तो पूँजी की माँग क होता है (चित्र 13 में DD वक्र)। apital)-पूँजी की पूर्ति बचत (sar ही किया जाता। बचत की पूर्ति पर reference) आदि वास्तविक तत्वों\
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