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गद्यांश-1
यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखिए कि आप प्रश्न संख्या 1 में
दिए गए गयाश। पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
प्रकृति वैज्ञानिक और कवि दोनों को ही उपास्या है। दोनों ही उससे निकटतम संबंध स्थापित करने की चेष्टा करते हैं,
किंतु दोनों के दृष्टिकोण में अंतर है। वैज्ञानिक प्रकृति के बाहय रूप का अवलोकन करता और सत्य की खोज करता है, परंतु
कवि बाह्य रूप पर मुग्ध होकर भावों का तादात्म्य स्थापित करता है। वैज्ञानिक प्रकृति की जिस वस्तु का अवलोकन करता
है. उसका सूक्ष्म निरीक्षण भी करता है। चंद्र को देखकर उसके मस्तिष्क में अनेक विचार उठते हैं- इसका तापक्रम क्या है,
कितने वर्षों में वह पूर्णत: शीतल हो जाएगा, ज्वार-भाटे पर इसका क्या प्रभाव होता है, किस प्रकार और किस गति से वह
सौरमंडल में परिक्रमा करता है और किन तत्वों से इसका निर्माण हुआ है। वह अपने सूक्ष्म निरीक्षण और अनवरत चिंतन से
उसको एक लोक ठहराता है और उस लोक में स्थित ज्वालामुखी पर्वतों तथा जीवनधारियों की खोज करता है। इसी प्रकार
वह एक प्रफुल्लित पुष्प को देखकर उसके प्रत्येक अंग का विश्लेषण करने को तैयार हो जाता है। उसका प्रकृति-विषयक
अध्ययन वस्तुगत होता है। उसकी दृष्टि में विश्लेषण और वर्ग विभाजन की प्रधानता रहती है। वह सत्य और वास्तविकता
का पुजारी होता है। कवि की कविता भी प्रत्यक्षावलोकन से प्रस्फुटित होती है। वह प्रकृति के साथ अपने भावों का संबंध
स्थापित करता है। वह उसमें मानव चेतना का अनुभव करके उसके साथ अपनी आंतरिक भावनाओं का समन्वय करता है।
वह तथ्य और भावना के संबंध पर बल देता है। वह नग्न सत्य का उपासक नहीं होता। उसका वस्तुवर्णन हृदय की प्रेरणा
का परिणाम होता है. वैज्ञानिक की भाति मस्तिष्क की यात्रिक प्रक्रिया नहीं।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए-
(क) प्रकृति के संबंध में कवि व वैज्ञानिक में क्या समानता है?
(Dदोनों उसके बाहय रूप का अवलोकन करते हैं।
1) दोनों उसके आंतरिक रूप का अवलोकन करते हैं।
(iii) दोनों भावों में संबंध बनाते हैं।
(1) दोनों प्रकृति की उपासना करते हैं।
(ख) वैज्ञानिक का प्रकृति-विषयक अध्ययन कहलाता है
(ii) अनवरत चिंतन
(iii) वस्तुगत अध्ययन (iv) वर्ग अवलोकन
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