न 13- गजाधर बाबू के लिए मधुर संगीत क्या था?
Answers
► गजाधर बाबू के लिए रेल की पटरी पर चलने वाली ट्रेन के लोहे के पहियों की खट-खट का स्वर किसी उच्च कोटि के मधुर संगीत की तरह लगता था।
‘वापसी’ कहानी में गजाधर बाबू एक निम्न मध्यमवर्गीय समाज के नौकरी पेशा व्यक्ति थे। जिन्होंने अपने घर परिवार से दूर रहकर 35 साल तक इसी आशा में अकेले गुजार दिए कि सेवानिवृत्ति के बाद वह अपने परिवार के साथ सुखी एवं संतोषी जीवन बताएंगे। लेकिन जब सेवानिवृत्ति के बाद वास्तविक स्थिति से उनका सामना पड़ा, तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके परिवार में उनका अस्तित्व मात्र धन-उपार्जन करने वाले व्यक्ति तक का ही सीमित था यानि इसके अतिरिक्त परिवार में इनका कोई विशेष महत्व या अपनत्व नही था।
तब उन्हें अपने नौकरी में बिताए गए पल याद आने लगे। जब वे रेलवे क्वार्टर में रहते थे और गाड़ियों के आने-जाने पर स्टेशन की चहल-पहल और रेल के पहियों की खट-खट की आवाज उन्हे किसी मधुर संगीत की तरह प्रतीत होती थी। सेवानिवृत्ति के बाद अपने परिवार में अपनत्व न मिलने के कारण उन्हें नौकरी में बिताये पल अनमोल लगने लगे थे।
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