न.18. यूरोपीय संघ के गठन के क्या कारण थे?
Answers
इसका अभ्युदय 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी।
Answer:
Concept:
यूरोपीय संघ मुख्यत: यूरोप में स्थित 27 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है।
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यूरोपीय संघ के गठन के क्या कारण थे?
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यूरोपीय संघ के गठन के क्या कारण थे?
Explanation:
यूरोपीय संघ के गठन के कारण : द्वितीय विश्व युद्ध की तबाही के बाद यूरोप के देशों ने स्वीकार किया कि उनके मध्य आर्थिक सहयोग उनके राजनीतिक संघर्षों को कम कर सकता है। यूरोप में आर्थिक एकीकरण व सहयोग की प्रक्रिया का आरम्भ इस मान्यता पर आधारित है। इस दिशा में सबसे पहला प्रयास 1950 में किया गया। वर्ष 1950 में यूरोप के 6 देशों द्वारा यूरोपीय कोयला व स्टील समुदाय की स्थापना करके किया गया। यह 6 देश थे - बेल्जियम, इटली, फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी, लक्जेमबर्ग तथा नीदरलैंड यूरोपीय कोयला व स्टील समुदाय का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के राष्ट्रीय कोयला और स्टील उद्योगों पर केन्द्रीयकृत नियंत्रण व सहयोग की व्यवस्था करना था। बाद में अन्य आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया गया।
वर्ष 1957 में रोम की संधि के द्वारा यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य इसके सदस्य देशों के मध्य व्यापार तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों में सहयोग को मजबूत करना था। इसी के साथ ही यूनियन तथा अणविक ऊर्जा के विकास में सहयोग हेतु यूरोपीय आणविक ऊर्जा समुदाय की स्थापना की गई। बाद में इस संगठन में सम्मिलित देशों की संख्या का विस्तार हुआ। इसके साथ ही परिस्थितियों के अनुसार ही संगठन के ढाँचे में बदलाव किया गया।
इसके लाभों से प्रेरित होकर अन्य यूरोपीय देशों ने भी इसकी सदस्यता ग्रहण की। 1973 में ब्रिटेन, डेनमार्क तथा आयरलैंड ने यूरोपीय आर्थिक समुदाय की सदस्यता ग्रहण की। 1981 में यूनान ने तथा 1986 में पुर्तगाल व स्पेन ने इसकी सदस्यता ग्रहण कर ली । अतः शीतयुद्ध की समाप्ति तक यूरोपीय आर्थिक समुदाय की सदस्यता बढ़कर 12 हो गई थी। वास्तव में यूरोपीय आर्थिक समुदाय (वर्तमान में यूरोपीय संघ) की सदस्यता में व्यापक विस्तार शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद हुआ है। सोवियत साम्यवादी व्यवस्था की समाप्ति के बाद पूर्वी यूरोप के देशों तथा सोवियत संघ से टूट कर आए नए गणराज्यों तथा पूर्वी यूरोप के देशों ने यूरोपीय संघ की सदस्यता ग्रहण कर ली। उत्तर शीतयुद्ध काल में सबसे पहले 1995 में फिनलैंड, आस्ट्रिया तथा स्वीडन ने यूरोपीय संघ की सदस्यता प्राप्त की । वर्ष 2004 में एक साथ पूर्वी यूरोप के 10 राज्यों ने यूरोपीय संघ में प्रवेश किया ये 10 राज्य हैं- चेक गणराज्य, साइप्रस, स्टोनिया, लटाबिया, लिथुआनिया, हंगरी, माल्टा, पौलैंड, स्लोवानिया तथा स्लोवाकिया ।
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