न 19 सरकारी बजट के किन्ही चार उद्देश्यों को समझाइये
Answers
Answer:
बजट सरकार की अनुमानित प्राप्तियो तथा व्यय का एक सांख्यिकी ब्यौरा मात्र नहीं है यह सरकार की नीतियों तथा उद्देश्यों का प्रतिबिम्ब है जिसे सरकार बजट के माध्यम से पूरा करना चाहती है वे उल्लेखनीय उद्देश्य जिन्हें सरकार बजट द्वारा (या बजट सम्बन्धी निति द्वारा) प्राप्त करने का प्रयास करती है इस प्रकार है:
Explanation:
1) आय तथ संपत्ति का पुन: वितरण – सरकारी बजट (Government Budget) से सरकार के कराधान तथा आर्थिक सहायता संबधी ब्यापक नीतियों का ज्ञान प्राप्त होता है अर्थव्यवस्था में आय और संपत्ति के बंटवारे में सुधार लाने हेतु सरकार कराधान तथा आर्थिक सहायता के वित्तीय उपकरणों का उपयोग करती है | संपत्ति और आय का सामान बंटवारा सामाजिक न्याय का प्रतिक है जो की भारत किसी भी कल्याणकारी राज्य का मुख्य उद्देश्य होता है|
2) संसाधो का पुन: आवंटन – निजी उघमी सदा यही चाहेंगे की संसाधनों का आवंटन उत्पाद के उन क्षेत्रो में किया जाए जहा ऊँचे लाभ प्राप्त होने की आशा हो किन्तु यह भी संभव है की उत्पादन की कुछ क्षेत्रो (जैसे शराब का उत्पादन) द्वारा सामाजिक कल्याण में कोई वृद्धि न हो | अपनी बजट सम्बन्धी निति द्वारा देश की सरकार संसाधनों का आवंटन इस प्रकार करती है जिससे अधिकतम लाभ तथा सामाजिक कल्याण के बिच संतुलन स्थापित किया जा सके| उन वस्तुओ (जैसे सिगरेट , शराब ) के उत्पादन को भरी करो के बोझ द्वारा निरुत्साहित किया जाता है जो स्वर्श के लिय हानिकारक होती है इसके विपरीत, ‘सामाजिक उपयोगित वाली वस्तुयों (जैसे खादी) के उत्पादन को आर्थिक सहायता देकर प्रोत्साहित किया जाता है|
3) आर्थिक स्थिरता – बाजार शक्तियों (मांग तथा पूर्ति की शक्तियों) की स्वतंत्र क्रिअशिलता के फलस्वरूप व्यापर चक्रों का समय समय पर आना अनिवार्य होता है अर्थव्यवस्था में तेजी और मादी के चक्र चलते है सरकार अर्थव्यवस्था का इन व्यापार चक्रों से सुरक्षित रखने के लिए वचनबद्द होती है बजट सरकार के हाथ में एक महत्वपूर्ण निति अस्त्र है जिसके प्रयोग द्वारा वह अवस्फीति तथा मुद्रा – स्फीति की स्थितियओ का मुकाबला करती है ऐसा करके सरकार आर्थिक स्थिरता की स्थिति को प्राप्त करती है आर्थिक स्थिरता ही निवेश को प्रोत्साहित करती है और संवृद्धि तथा विकास की गति को तेज करती हैl
4) सार्वजानिक उघमो का प्रबंध – सरकार की बजट सम्बन्धी निति से ही यह प्रकट होता है की वह किस प्रकार सार्वजानिक उघमो के माध्यम से विकास की गति को तीव्र करने के लिय उत्सुक है प्राय: सार्वजानिक उघमो को उक क्षेत्रो में लगाने का प्रत्न किया जाता है जहा प्राकर्तिक एकाधिकार पाया जाता है