न 2. भूकंम्प के मुख्य प्रकारों का वर्णन कीजिए?
Answers
Answer:
भूकंप को तीन आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है –
1. कारण के आधार पर
2. स्थिति के आधार पर
3. अवकेन्द्र की गहराई के आधार पर
Explanation:
1)कारण के आधार पर : भूकंप के कारण के आधार पर इसे दो भागो में बाँट सकते है –
(i) प्राकृतिक भूकंप
(ii) मानवजन्य भूकंप
(i) प्राकृतिक भूकंप (natural earthquake) : जब भूकंप किन्ही प्राकृतिक कारणों से उद्भव होते है या आते है तो इस प्रकार के भूकंप को प्राकृतिक भूकंप के वर्ग में रखा जाता है।
प्राकृतिक भूकंप तीन प्रकार के होते है –
(a) विवर्तनिक भूकंप (tectonic earthquake) : प्लेटो की गति के कारण आने वाले भूकम्पो को विवर्तनिक भूकंप कहा जाता है। इन भूकम्पों की तीव्रता प्लेट की गति पर निर्भर करती है। अभिसारी प्लेट किनारों पर उच्च भूकंप आते है , अपसारी प्लेट किनारों पर मध्यम तीव्रता के भूकंप आते है तथा संरक्षित प्लेट किनारों पर निम्न तीव्रता के भूकंप आते है।
हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में विवर्तनिक भूकंप प्रकार के भूकंप आते है।
(b) ज्वालामुखी भूकंप (volcanic earthquake) : वे भूकंप जो ज्वालामुखी के उद्भव के कारण आते है उन्हें ज्वालामुखी भूकंप कहते है। इस प्रकार के भूकम्पो की तीव्रता का मान इस बात पर निर्भर करती है कि ज्वालामुखी की तीव्रता कितनी अधिक है , यदि उच्च तीव्रता की ज्वालामुखी उद्भव होते है तो भूकंप भी उच्च तीव्रता के होते है। अर्थात यह ज्वालामुखी की विस्फोटकता पर निर्भर करते है। इस तरह के भूकंप ज्वालामुखी तप्त स्थल वाले क्षेत्रो में आते है।
इस तरह के भूकंप हवाई द्वीप समूह में आते है।
(c) समस्थितिक भूकंप (isostatic earthquake) : समस्थितिक समायोजन के दौरान होने वाली रचनात्मक गतिविधियों के कारण आने वाले भूकम्पो को समस्थितिक भूकंप कहते है। समस्थितिक भूकंप को ‘संतुलन मूलक भूकंप’ भी कहा जाता है।
इस तरह के भूकंप प्रमुख रूप से परवर्तिय और तटवर्ती क्षेत्रो में आते है।
समस्थितिक प्रकार के भूकंप उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी भाग में आते है।
(ii) मानवजन्य भूकंप (anthropogenic earthquakes) :
जब भूकंप मानव जनित कारणों से उत्पन्न होते है तो उन्हें मानवजन्य भूकंप कहते है , इनमे तीन कारण मुख्य है जो निम्न प्रकार है –
(a) विस्फोट भूकंप (explosion earthquake) : रासायनिक और परमाणु विस्फोट के कारण आने वाले भूकम्पो को विस्फोट भूकंप कहते है।
इन भूकम्पो की तीव्रता विस्फोट की तीव्रता पर निर्भर करती है अर्थात विस्फोट जितना अधिक होता है भूकंप की तीव्रता उतनी ही अधिक होगी।
(b) बाँध जन्य भूकंप या जलाशय जन्य भूकंप : जलाशयों के तल की चट्टान के खिसकने अथवा चट्टान के टूटने से इस प्रकार के भूकंप आते है। इस प्रकार के भूकंप जल के अतिरिक्त भार के कारण चट्टानों के टूटने से आते है। इस तरह के भूकंप बाँध वाले क्षेत्रो में अधिक आते है।
(c) नियात भूकंप (collapse earthquake) : भूमि से अत्यधिक मात्रा में खनन के कारण भूमिगत खानों की छत ढह जाती है जिसके कारण आसपास के इलाको में भूकंप आते है , इस प्रकार के भूकम्पो को नियात भूकम्प कहते है।
2. स्थिति के आधार पर
विश्व में भूकम्पो की स्थिति के आधार पर उन्हें दो भागो में बांटा है जो निम्न है –
(a) स्थलीय भूकंप : इस प्रकार के भूकंप प्रमुख रूप से महाद्वीपीय क्षेत्रो में आते है , भारत के उत्तरी भाग में स्थलीय भूकंप ही आते है।
(b) जलीय भूकम्प (marine earthquakes) : इस प्रकार के भूकंप महासागरीय क्षेत्रो में आते है और इन्ही भूकम्पो के कारण ही सुनामी आती है।
3. अवकेन्द्र की गहराई के आधार पर
किसी भूकंप के अवकेंद्र की पृथ्वी की सतह से कितनी गहराई है इस आधार पर भूकंप तीन प्रकार के हो सकते है –
(a) सामान्य भूकंप (moderate earthquake) : इस प्रकार के भूकम्पो में अवकेन्द्र की गहराई पृथ्वी के सतह से लगभग 50 किलोमीटर होती है। इस प्रकार के भूकम्पो का परिमाण कम होता है लेकिन अवकेन्द्र के सतह के पास स्थित होने के कारण ये भूकंप विनाशकारी होते है।
(b) मध्यम भूकम्प (intermediate earthquake) : इस प्रकार के भूकम्प में अवकेंद्र की गहराई लगभग 50 किलोमीटर से 250 किलोमीटर तक होती है। इन भूकम्पो का परिमाण और तीव्रता दोनों ही मध्यम होती है।
(c) गहरे भूकम्प (deep focus earthquake) : इस तरह के भूकम्पो में अवकेंद्र की गहराई 250 किलोमीटर से 700 किलोमीटर होती है। इन भूकम्पो का परिमाण और तीव्रता दोनों ही उच्च होती है। इस प्रकार के भूकंप बहुत अधिक विनाशकारी होते है। इस प्रकार के भूकम्पो को ही “पातालीय भूकंप” कहते है।