न 3. किसी आवेशित चालक प्लेट के पास एक धनावेशित बिंदु आवेश (+q) रखा
जाता है?
(i) बिंदु आवेश से निकल कर आवेशित प्लेट के पृष्ठ तक जाने वाली विद्युत्
बल रेखाएं खींचिए।
(ii) आवेशित प्लेट के पृष्ठ पर विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता हेतु व्यंजक प्राप्त
'कीजिए।
अंक 2+2 शब्दसीमा 75-150
.3 A positive point charge (+q) is kept near a charged plate.
(i) Draw the electric field lines of forces from point charge to
the plate.
Answers
Answer:
जब कोई बाह्य बल किसी वस्तु को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक, किसी अन्य बल; जैसे-स्प्रिंग बल, गुरुत्वीय बल आदि के विरुद्ध ले जाता है, तो उस बाह्य बल द्वारा किया गया कार्य उस वस्तु में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। जब बाह्य बल हटा लिया जाता है तो वस्तु गति करने लगती है और कुछ गतिज ऊर्जा अर्जित कर लेती है, तथा उस वस्तु की उतनी ही स्थितिज ऊर्जा कम हो जाती है। इस प्रकार वस्तु की स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा का योग संरक्षित रहता है। इस प्रकार के बलों को संरक्षी बल कहते हैं| स्प्रिंग बल तथा गुरुत्वाकर्षण बल संरक्षी बल के उदाहरण हैं। गुरुत्वाकर्षण बल की भाँति दो स्थिर आवेशों के बीच लगने वाला कूलॉम बल भी संरक्षी बल होता है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि गणितीय रूप में यह बल गुरुत्वाकर्षण बल के समान है; दोनों में दूरी की व्युत्क्रम वर्ग निर्भरता है और प्रमुख रूप से अनुपातिकता स्थिरांक भिन्न है। गुरुत्वाकर्षण नियम की संहतियाँ कूलॉम नियम में आवेशों द्वारा प्रतिस्थापित हो जाती है। इस प्रकार, गुरुत्वीय क्षेत्र में संहतियों की स्थितिज ऊर्जा की ही भाँति हम किसी स्थिरवैद्युत क्षेत्र में आवेश की स्थिरवैद्युत स्थितिज ऊर्जा को परिभाषित कर सकते हैं।
Explanation:
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