Social Sciences, asked by prakashkarmkar2000, 4 months ago

न 36. चतरा जिला के ईटखोरी से प्राप्त एक शिलालेख से पता चलता है कि मध्यकाल में इस क्षेत्र में गुर्जर प्रतिहार
वंश का शासन था, उस शिलालेख का संबंध किस शासक से है?

a. महेंद्रपाल
b. हरिचन्द्र
C. कृष्ण ॥
d. धर्मपाल​

Answers

Answered by vinod04jangid
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Answer:

d. धर्मपाल

Explanation:

गुर्जर-प्रतिहार राजवंश भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन एवं मध्यकालीन दौर के संक्रमण काल में साम्राज्य स्थापित करने वाला एक राजवंश था जिसके शासकों ने मध्य-उत्तर भारत के बड़े हिस्से पर मध्य-8वीं सदी से 11वीं सदी के बीच शासन किया। इस राजवंश का संस्थापक प्रथम नागभट्ट था जिसके वंशजों ने पहले उज्जैन और बाद में कन्नौज को राजधानी बनाते हुए एक विस्तृत भूभाग पर शासन किया।[1] नागभट्ट द्वारा 725 ईसवी में साम्राज्य की स्थापना से पूर्व भी गुर्जर-प्रतिहारों द्वारा मंडोर, मारवाड़ इत्यादि इलाकों में सामंतों के रूप में 6ठीं से 9वीं सदी के बीच शासन किया गया किंतु एक संगठित साम्राज्य के रूप में इसे स्थापित करने का श्रेय नागभट्ट को जाता है।

#SPJ3

Answered by shishir303
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सही विकल्प होगा...

✔ a. महेंद्रपाल

स्पष्टीकरण ⦂

चतरा जिला के ईटखोरी से प्राप्त एक शिलालेख से पता चलता है कि मध्यकाल में इस क्षेत्र में गुर्जर प्रतिहार वंश का शासन था, उस शिलालेख का संबंध राजा महेंद्रपाल से था। महेंद्र पाल गुर्जर प्रतिहार वंश का सातवां शासक था। वह राजा मिहिर भोज का पुत्र था। महेंद्रपाल का शासन काठियावाड़, पंजाब, तराई, मध्य प्रदेश के अलावा बिहार और बंगाल तक फैला हुआ था। वह गुर्जर प्रतिहार वंश का एक यशस्वी और उत्तम शासक था। उसका शासनकाल 885 ईस्वी से 910 ईस्वी तक रहा।

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