नौआ खाली पद यात्रा के समय गांधी जी ने अपने शिविर में कितने लोगों को रहने की अनुमति दी थी ? *
Answers
Answer:
yes
Explanation:
नोआखाली में जो कुछ हुआ था अब उसे कोई याद नहीं करना चाहता है."
अतीत से नाता छुड़ाने की नोआखाली की चाहत, यहां रहने वाले प्रमोद दास भुइयां के लफ़्जों से बयां हो जाती है.
"नोआखाली में पहले भी मुसलमानों की संख्या अधिक थी लेकिन बंटवारे के समय हिंदुओं की एक बड़ी आबादी असम, बंगाल और त्रिपुरा में बस गई."
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की कहानी नोआखाली के ज़िक्र के बिना अधूरी मानी जाती है.
मौजूदा बांग्लादेश के चटगांव डिवीज़न के इस ज़िले के लिए मेरा सफ़र कॉक्स बाज़ार से शुरू हुआ.
वही कॉक्स बाज़ार जो आजकल रोहिंग्या शरणार्थियों की वजह से दुनिया भर में चर्चा में है.
नोआखाली
इमेज स्रोत,ABHISHEK RANJAN SINGH/BBC
इमेज कैप्शन,
चौमुहानी से नोआखाली की दूरी घंटे भर की है
Answer:
नोआखाली सांप्रदायिक हिंसा के बाद महात्मा गांधी ने चार महीनों तक नोआखाली के हिंसा प्रभावित गांवों का भ्रमण कर शांति समितियां गठित की थी." "7 नवंबर को गांधी जी सबसे पहले बेगमगंज थाना स्थित रामगंज गए, जहां हिंदुओं के ख़िलाफ़ अधिक हिंसा हुई थी. 29 जनवरी 1947 को वह यहां आए थे.