Social Sciences, asked by nooralam7232, 7 months ago

ने अपने झील में से एक तावाज़ निकालकर राजा का दि
। बोले, “हे साधु, इस तावीज़ के विषय में मुझे विस
ओ। इससे आदमी सदाचारी कैसे हो जाता है?"
ने समझाया, “महाराज, भ्रष्टाचार और सदाचार मनुष्य
आत्मा में होता है, बाहर से नहीं होता। विधाता जब
[ को बनाता है तब किसी की आत्मा में ईमान की
फिट कर देता है और किसी की आत्मा में बेईमानी
स कला में से ईमान या बेईमानी के स्वर निकलते
न्हें ‘आत्मा की पुकार' कहते हैं। आत्मा की पुकार​

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Answered by skm43846gmailcom
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Answer:

OK it's good but say me is this a question

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