India Languages, asked by anchalgupta9727, 4 months ago

निबंलेखन

1 एक समाजसेवक.​

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Answered by pmisal2003
0

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डॉक्टर एक समाजसेवक होता है जो हमेशा समाज सेवा करने से पीछे नहीं हटता. हम सभी को भी चाहिए कि पैसे से ज्यादा लोगों की,समाज सेवा की ओर ध्यान दें तभी हमारा देश आगे बढ़ सकता है तभी हमारे देश के नौजवान आगे बढ़ सकते हैं और हम अपने देश का नाम आगे बढ़ा सकते हैं.18-Sep-2017

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निबंलेखन

1 एक समाजसेवक.

Answered by rukhaiyashaikh2403
9

Answer:

डॉक्टर एक समाज सेवक

स्वास्थ्य मनुष्य का अमूल्य धन होता है, इसकी रक्षा की जिम्मेदारी व्यक्ति की होती है. परन्तु स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर उसे चिकित्सक की सहायता लेनी पड़ती हैं. चिकित्सक उसे उचित दवा और सलाह देता है. चिकित्सक के निर्देशों के पालन से व्यक्ति धीरे धीरे स्वस्थ होने लगता है.

हमारा समाज सभी व्यवसायों से जुड़े लोगों का सम्मान करता है जिसमें डॉक्टर भी एक हैं उसे समाज में एक समाज सेवक का दर्जा दिया जाता हैं. वह अपने कार्य में नित्य लोगों को रोगों से बचाकर एक नया जीवन देता हैं. समाज में स्वास्थ्य तथा खान पान के प्रति जाग्रति लाने का कार्य इन चिकित्सकों द्वारा ही किया जाता हैं.

वह अपनी चिकित्सा पद्धति का पूर्ण ज्ञान रखने वाला होता है दवाई देने के साथ साथ स्वास्थ्य सम्बन्धी कई सलाह भी देता है जिससे रोगी जल्द ही ठीक होने लगता हैं. व्यक्ति के स्वस्थ रहने में डॉक्टर की अहम भूमिका होती है. वह उन्हें नित्य खान पान तथा उचित दिनचर्या के बारे में अवगत करवाता हैं, जिससे वह रोगों से दूर रहकर एक स्वस्थ जीवन जी सके.

यह तो सत्य ही है कि डॉक्टर का व्यवसाय बड़ा ही पवित्र हुआ करता है, पहले तो लोग यहाँ तक कहते थे कि डॉक्टर केवल सेवा करने के लिए होता हैं न कि पैसे कमाने के लिए. मैंने कई ऐसे डॉक्टरों के विषय में सुन रखा हैं जिन्होंने मानव सेवा में अपना सारा जीवन लगा दिया तथा मरीजों को इसलिए नहीं मरने दिया क्योंकि उसके पास फीस देने या दवाई खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, धन्य हैं ऐसे डॉक्टर, यदि मैं डॉक्टर होता तो मैं भी ऐसा करने का प्रयत्न करता.

सामान्यतया मैंने ऐसा पढ़ा और सुना है कि दूर दराज के देहातों में डॉक्टर सेवा का बड़ा अभाव है, जहाँ तरह तरह की बीमारियाँ फैलती रहती है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग बिना दवा के कारण मर जताए हैं. वहां देहातों में डॉक्टरों के स्थान पर नीम हकीमों का बोलबाला है. या फिर झाड़ फूक करने वाले ओझा लोग बीमारी का ईलाज करते हैं.

ये नीम हकीम तथा ओझा लोग देहाती लोगों को जो अशिक्षित अनपढ़ तथा गरीब लोग होते है उन्हें उल्लू बनाकर दोनों हाथों से लुटते हैं. और अपनी अज्ञानता से उनकी जान तक ले लेते हैं. यदि मैं डॉक्टर होता तो आवश्यकता पड़ने पर ऐसे ही देहातों में जाकर वहां के निवासियों की तरह तरह की बीमारियों से रक्षा करता. साथ ही साथ उनको नीम हकीमों तथा ओझाओं से भी छुटकारा दिलाने का प्रयत्न करता.

आज के युग में प्रायः डॉक्टर अपने लिए धन सम्पति जुटाने लगे है, इसके लिए वे शहरों में रहकर बेचारे रोगियों को दोनों हाथों से लूटना आरम्भ कर देते हैं जो डॉक्टर पेशे पर एक बदनुमा दाग हैं. ऐसा नहीं हैं कि हमें अपने और परिवार के लिए सुख सम्पति सुख सुविधाओं की आवश्यकता नहीं होती है. सभी को इसकी आवश्यकता होती हैं इसलिए मैं भी धन सम्पति इकट्ठा करता परन्तु सच्ची सेवा द्वारा मानव जाति को स्वस्थ रखना मेरे जीवन का ध्येय होता. यही डॉक्टरी पेशे की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं.

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